शब्द का अर्थ
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					सैंतना					 :
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					सं० [सं० संचय] १. संचित करना। इकट्ठा करना। उदा०–कंचन मनि तजि काँचहि सैंतत या माया के लीन्हें।–सूर। २. हाथों से समेटना। ३. सँभाल और सहेज कर लेना। ४. सँभाल कर ठीक जगह पर रखना। उदा०–(क) सैंतति महरि खिलौना हरि के।–सूर। (ख) मानों संध्या के प्रकाश को जंगल और पहाड़ सैंत रखने की होड़ सी लगा रहें हों।–वृंदावनलाल वर्मा। ५ रोसई—घर में चौका लगाना और बरतन साफ करके ठीक जगह पर रखना। ६. आघात करना। ७. मार डालना। (बाजारू)				 | 
			 
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			 
			
				 
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