शब्द का अर्थ
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सृग :
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पुं० [सं० सृक] १. बरछा। भाला। २. तीर। बाण।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) पुं० [सं० स्रक्] माला या हार।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
सृगाल :
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पुं० =श्रृगाल (गीदड़)।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) विशेष–‘सृगाल’ के यौ० के लिए दे० ‘श्रृगाल’ के यौ०। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |