शब्द का अर्थ
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					सुनर					 :
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					वि० [सं० प्रा०स०] नरों में श्रेष्ठ। पुं० अर्जुन। (डि.)। वि०=सुन्दर। स्त्री० [सं० सु+हि.नार]=सुनारि।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					सुनरिया					 :
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					स्त्री०=सुन्दरी (रूपवती स्त्री)।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					सुनर्द					 :
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					वि० [सं०] बहुत गरजने या जोर का शब्द करनेवाला।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 |