शब्द का अर्थ
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					सिद्ध-साधक					 :
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					पुं० [सं० कर्म० स०] १. शिव। २. कल्प-वृक्ष जो सब प्रकार के मनोरथ सिद्ध करने वाला माना गया है। ३. ऐसे दो व्यक्ति जिनमें से एक तो झूठ मठ सिद्ध या सत्पुरुष बन बैठा हो और दूसरा सबको उसकी सिद्धता विश्वास दिलाकर उसके फंदे में फसाता हो। विशेष—प्रायः ऐसा होता है कि कोई ढ़ोंगी और स्वार्थी व्यक्ति सिद्ध या महात्मा बनकर कहीं बैठ जाता है, और उसका कोई साथी लोक में उसका बड़प्पन या महत्व स्थापित करता फिरता और लोगों को लाकर उसके जाल में फसाँता है। इसी आधार पर उक्त पद अपने तीसरे अर्थ में प्रचलित हुआ है।				 | 
			 
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			 
			
				 
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