शब्द का अर्थ
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					सर्व-भोग					 :
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					पुं० [सं० ब० स०] प्राचीन भारतीय राजनीति में ऐसा वैश्य मित्र जो सेना कोश तथा भूमि से सहायता करे। (कौ०)।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					सर्व-भोगी					 :
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					पुं० [सं०] प्राचीन भारतीय राजनीति में वश में किया हुआ ऐसा मित्र जो आसपास के जांगलिकों पड़ोसी जातियों आदि से रक्षित रहने में सहायता देता है।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 |