शब्द का अर्थ
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					सजन					 :
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					पुं० [सं० सत्+जन=सज्जन] [स्त्री० सजनी] १. भला आदमी। सज्जन। शरीफ। २. स्त्री का पति। स्वामी। प्रियतम या प्रिय के लिए शिष्ट संबोधन। वि० [सं०] लोगो से युक्त। जन-सहित।				 | 
			
			
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					सजना					 :
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					स० [सं० सज्जा] १. सज्जित करना। सजाना। २. शरीर पर कपड़े या हथियार आदि धारण करना। जैसे—सिपाहियों का ढाल, तलवार आदि से सजना। ३. कपड़े आदि पर साज टाँकना या लगाना। अ० १. आभूषण, वस्त्रादि से सज्जित या अलंकृत होना। सजाया जाना। पद—सजना-बजना=भली-भाँति या बहुत सज्जित होना। २. सेना या सैनिकों का अस्त्र-शस्त्र आदि से युक्त होना। ३. उपयुक्त, भला या सुंदर जान पड़ना। सुशोभित होना। पुं० १. =साजन। २. =सहिंजन।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					सजनी					 :
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					स्त्री० [हिं० सजन] १. सखी। सहेली। २. मिथला में गाये जाने वाले षट घबनी। (दे०) नामक लोक गीत का दूसरा नाम।				 | 
			
			
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