शब्द का अर्थ
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					संस्तवन					 :
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					पुं० [सं० सम्√स्तु (प्रशंसा करना)+ल्युट—अन] १. प्रशंसा करना। स्तुति करना। २. कीर्ति या यश का गान करना। ३.आज-कल किसी की प्रशंसा करते हुए उसके सम्बन्ध में यह कहना कि यह अमुख (काम, बात या सेवा के लिए उपयुक्त और योग्य है। (कॉमेन्डेशन)				 | 
			 
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			 
			
				 
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