शब्द का अर्थ
			 | 
		 
					
				| 
					संशयवाद					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० संशय√वद्+घञ] १. दार्शनिक क्षेत्र में वह सैद्धान्तिक स्थिति जिसमें अंधविश्वास या श्रद्धा और शब्द प्रमाण की उपेक्षा करके यह सोचा जाता है कि अब जो मान्यताएँ चली आ रहीं हैं, वे ठीक भी हैं, तथा नहीं भी और वे ठीक हो भी सकती हैं और नहीं भी हो सकतीं। (स्केप्टिसिज़्म) विशेष—इसमें प्रत्यय, प्रमाण और प्रयोगात्मक अनुभव ही ग्राह्या या मान्य होते हैं। शेष बातों के संबंध में संशय ही बना रहता है।				 | 
			 
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			 
			
					
				| 
					संशयवादी					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० संशय√वद्+णिनि] वह जो संशय वाद का अनुयायी या समर्थक हो।				 | 
			 
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			 
			
				 
		 |