शब्द का अर्थ
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					व्यक्तित्व					 :
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					पुं० [सं० व्यक्ति+त्वल्] १. व्यक्त होने की अवस्था या भाव। (इण्डिविजुएल्टी)। २. किसी व्यक्ति की निजी विशिष्ट क्षमताएँ गुण, प्रवृत्तियाँ आदि जो उसके उद्देश्यों, कार्यों, व्यवहारों आदि में प्रकट होती हैं और जिनसे उस व्यक्ति का सामाजिक स्वरूप स्थिर होता है। (पर्सनैलिटी)। विशेष—मनोविज्ञान के अनुसार प्रत्येक व्यक्ति का व्यक्तित्व दो भागों में विभक्त रहता है—एक आन्तर, दूसरा बाह्म। आन्तर व्यक्तित्व मूलतः नैसर्गिक या प्राकृतिक होता है और आध्यात्मिक, दैविक तथा दैहिक शक्तियों का सम्मिलित रूप होता है। यह मनुष्य के अन्दर रहनेवाली समस्त प्रकट तथा प्रच्छन्न प्रवृत्तियों और शक्तियों का प्रतीक होता है। बाह्य व्यक्तित्व इसी का प्रत्याभास मात्र होता है, फिर भी लोक के लिए वही गोचर या दृश्य होता है। इससे यह सूचित होता है कि कोई व्यक्ति अपनी आन्तरिक प्रवृत्तियों और शक्तियों को कहाँ तक कार्यान्वित तथा विकसित करने में समर्थ है या हो सका है।				 | 
			 
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			 
			
				 
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