शब्द का अर्थ
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विदर :
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पुं० [सं० वि०√दृ (फाड़ना)+अच्] दराज। (सूराख)। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
विदरण :
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पुं० [सं० वि√दृ+ल्युट-अन] [भू० कृ० विदरित] १. विदीर्ण करना। फाड़ना। २. विद्रधि-नामक रोग। |
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समानार्थी शब्द-
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विदरना :
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अ० [सं० विदरण] विदीर्ण होना। फटना। स० १. विदारण करना। फाड़ना। २. कष्ट देना। पीड़ित करना। उदाहरण—विदर न मोहि पीत रंग ऐसे।—नूर मुहम्मद। |
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विदर्भ :
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पुं० [सं० ब० स०] १. आधुनिक महाराष्ट्र के बरार नामक प्रदेश का पुराना नाम। २. उक्त प्रदेश का राजा। |
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विदर्भजा :
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स्त्री० [सं० विदर्भ√जन् (उत्पन्न करना)+ड+टाप्] १. अगस्त्य ऋषि की पत्नी लोपामुद्रा। २. दमयंती। ३. रुक्मिणी। |
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विदर्भराज :
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पुं० [सं० ष० त०] दमयंती के पिता राजा भीष्म जो विदर्भ के राजा थे। |
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विदर्व्य :
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पुं० [सं० ब० स०] बिना फनवाला साँप। |
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