शब्द का अर्थ
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					विच्युत					 :
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					भू० कृ० [सं० वि√च्यु (मिलना आदि)+क्त] [भाव० विच्युति] १. जो कटकर अथवा और किसी प्रकार इधर-उधर गिर पड़ा हो। २. जो अपने स्थान से गिर या हट गया हो। च्युत। भ्रष्ट। ३. (अंग) जो जीवित शरीर से काटकर अलग किया या निकाला गया हो। (सुश्रुत) ४. नष्ट।				 | 
			
			
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					विच्युति					 :
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					स्त्री० [सं० वि√च्यु (हटना)+क्तिन्] १. विच्युत होने की अवस्था, क्रिया या भाव। २. गर्भ-पात। ३. नाश।				 | 
			
			
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