शब्द का अर्थ
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					रसेश्वरदर्शन					 :
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					पुं० [सं० मध्य० स०] एक शैव दर्शन जो मुख्यतः पारद या पारे के साधनों से संबंध रखनेवाली बातों पर आश्रित है। विशेष—शैव आगमों में रसेश्वर अर्थात् पारद या पारे को शिव का वीर्य तथा गंधक को पार्वती का रज माना गया है और इसी आधार पर उनके संबंध में इस दर्शन की रचना हुई है। यह प्रसिद्ध ६ दर्शनों से पृथक् या भिन्न है।				 | 
			 
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			 
			
				 
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