शब्द का अर्थ
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					मको					 :
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					स्त्री०=मकोय।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					मकोइ					 :
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					पुं०=मकोई।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					मकोइया					 :
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					वि० [हिं० मकोय+इया (प्रत्य०)] मकोय के रंग के समान। ललाई लिए हुए पीला रंग। पुं० उक्त प्रकार का रंग।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					मकोई					 :
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					स्त्री०=मकोय।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					मकोड़ा					 :
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					पुं० [देश०] १. हिन्दी ‘कीड़ा’ का अनुकरण वाचक शब्द। जैसे—कीड़ा-मकोड़ा। २. काले रंग का बड़ा च्यूँटा। (पश्चिम)				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					मकोय					 :
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					स्त्री० [सं० काकमाता या काकमात्री] १. डेढ़-दो हाथ ऊँचा एक तरह का पौधा जिसमें छोटे-छोटे खट-मीठे फल लगते हैं। २. उक्त फल। रसभरी।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
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					मकोरना					 :
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					स०=मरोड़ना।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					मकोसल					 :
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					पुं० [देश०] एक प्रकार का सदाबहार ऊँचा वृक्ष जिसकी लकड़ी से नावें बनाई जाती हैं।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					मकोह					 :
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					स्त्री०=मकोय।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					मकोहा					 :
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					पुं० [सं० मतुठा या हिं० मकोय ?] प्रायः फसल को हानि पहुँचानेवाला एक प्रकार का लाल रंग का कीड़ा।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
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