शब्द का अर्थ
			 | 
		
					
				| 
					मंजी					 :
				 | 
				
					स्त्री०=मंजरी। स्त्री० दे० ‘खाट’।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मंजीर					 :
				 | 
				
					पुं० [सं०√मंज्+ईरन्] १. नूपुर। घुँघरू। २. वह खंभा या लकड़ी जिसमें मथानी का डंडा बंधा रहता है। ३. पश्चिमी बंगाल की एक पहाड़ी जाति।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मँजीरा, मंजीरा					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० मंजीर] १. काँसे, पीतल आदि का बना हुआ एक प्रकार का बाजा जो दो छोटी कटोरियों के रूप में होता है, और जिसमें की एक कटोरी से दूसरी कटोरी पर आघात करके संगीत के समय ताल देते हैं। जोड़ी।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 |