शब्द का अर्थ
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					मंजन					 :
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					पुं० [सं०√मंज् (चमकना)+ल्युट्—अन] वह बुकनी या चूर्ण जो दाँतों पर उँगली आदि से मला तथा रगड़ा जाता है। दाँत साफ करने का चूर्ण। पुं० =मज्जन (स्नान करना)। (यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					मँजना					 :
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					अ० [सं० मज्जन] १. (दाँतों का) मंजन से साफ किया जाना। २. (बरतनों के संबंध में) राखी आदि से माँजा तथा साफ किया जाना। ३. किसी काम या बात का, अभ्यास के कारण ठीक तरह से संपन्न या पूरा होना। जैसे—(क) लिखने में हाथ मँजना। (ख) मँजी हुई कविता पढ़ना।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 |