शब्द का अर्थ
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					भुरकस					 :
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					पुं० [हिं० भुरकना] १. किसी चीज का बहुत बुरी तरह कुचला या मसला हुआ रूप। मुहा०—( किसी का) भुरकस निकलना=(क) चूर-चूर होकर विनष्ट होना। (ख) परिश्रम, भार आदि के कारण बहुत अधिक दुर्दशाग्रस्त होना। २. बुकनी। वि० चूर्ण या टुकड़े किया हुआ।				 | 
			 
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			 
			
				 
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