शब्द का अर्थ
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					भुक्ति					 :
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					स्त्री० [सं०√भुज् (खाना)+क्तिन्, कुत्व] १. भोजन। आहार। २. किसी पदार्थ का किया जानेवाला भोग। ३. लौकिक सुख। ४. ज्योतिष में ग्रहों का किसी राशि में अवस्थित होना। ५. वह स्थिति जिसमें कोई किसी पदार्थ पर अपना अधिकार रखकर उसका भोग करता है। कब्जा। दखल। (पज़ेशन)				 | 
			
			
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					भुक्ति-पात्र					 :
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					पुं० [ष० त०] ऐसे बरतन जिनमें रखकर चीजें खाई जाती हैं।				 | 
			
			
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					भुक्ति-प्रद					 :
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					वि० [सं० भुक्ति+प्र√दा (देना)+क] [स्त्री० भुक्तिप्रदा] भोग देनेवाला। भोगदाता। पुं० मूँग।				 | 
			
			
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