शब्द का अर्थ
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					भाव-मृषावाद					 :
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					पुं० [सं० तृ० त०] १. वह स्थिति जिसमें मनुष्य झूठ नहीं बोलता पर उसके मन में झूठ बोलने की प्रवृत्ति जागरुक होती है। २. शास्त्र के वास्तविक अर्थ को दबाकर अपना हेतु सिद्ध करने के लिए झूठ-मूठ नया अर्थ करना। (जैन)				 | 
			 
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			 
			
				 
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