शब्द का अर्थ
			 | 
		
					
				| 
					भरण					 :
				 | 
				
					पुं० [सं०√भृ (भरण करना)+ल्युट-अन] १. भरना। २. खिलपिला कर जीवित रखना। पालन-पोषण आदि के लिए दी जानेवाली वृत्ति या वेतन। ३. किसी चीज के न रहने या नष्ट होने पर की जानेवाली उसकी पूर्ति। भरती। ४. भरणी नक्षत्र। वि० [स्त्री० भरणी०] भरण अर्थात् पानल-पोषण करनेवाला। (यौ० के अन्त में) उदाहरण—तोहीं कर्णि हरणी तो हीं विश्व भरणी।—विश्राम सागर।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					भरण-पोषण					 :
				 | 
				
					पु० [सं० द्व० स०] किसी का इस प्रकार पालन करना कि वह जीविका निर्वाह की चिंता से दूर रहे। (मेन्टेनेन्स)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					भरणी					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० भरण+ङीष्] १. घोषक लता। कड़वी तरोई। २. सत्ताइस नक्षत्रों में दूसरा नक्षत्र जिसमें त्रिकोण के रूप में तीन तारे हैं। ३. भूमि खोदने की एक शुभ लग्न। (ज्यो०)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					भरणी-भू					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० ब० स०] राहु।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					भरणीय					 :
				 | 
				
					वि० [सं०√भृ+अनीयर] जिसका भरण किया जाने को हो या करना उचित हो। पाले-पोसे जाने के योग्य।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					भरण्य					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० भरण+यत्] १. मूल्य। दाम २. वेतन। तनखाह। ३. नौकर। सेवक। ४. मजदूर।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					भरण्या					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० भरण्य+टाप्] १. वेतन। मजदूरी। २. पत्नी। जोरू।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					भरण्यु					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० भरण्य+उन्] १. ईश्वर। २. चन्द्रमा। ३. सूर्य। ४. अग्नि। ५. मित्र।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 |