शब्द का अर्थ
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					बैल					 :
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					पुं० [सं० बलिवर्दः] १. गाय से उत्पन्न प्रसिद्ध नर चौपाया जो गाड़ी, हल आदि में जोता जाता है। २. लाक्षणिक अर्थ में० (क) बहुत बड़ा मूर्ख व्यक्ति। (ख) परिश्रमी व्यक्ति। ३. रहस्य संप्रदाय में (क) शरीर (ख) त्रिगुण।				 | 
			
			
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					बैल-मुतनी					 :
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					स्त्री० दे० ‘गौमूत्रिका’।				 | 
			
			
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					बैलर					 :
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					पुं० [अं० ब्वायलर] पीपे के आकार का लोहे का बड़ा देग जो भाप से चलनेवाली कलों में होता है।				 | 
			
			
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					बैलून					 :
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					पुं० [अं०] १. गुब्बारा। २. आज-कल वह बहुत बड़ा गुब्बारा जो विशिष्ट वैज्ञानिक अनुसंधानों आदि के लिए आकाश में उड़ाया जाता है; अथवा जिसके सहारे लोग कुछ दूर तक ऊपर आकाश में उड़ते हैं।				 | 
			
			
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					बैल्व					 :
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					वि० [सं० बिल्व+ अण्] १. बेल वृक्ष अथवा उसकी लकड़ी से संबंध रखनेवाला। २. बेल की लकड़ी का बना हुआ। ३. (स्थान) जिसमें बहुत से बेल के वृक्ष हों।				 | 
			
			
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