शब्द का अर्थ
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					बे-तुका					 :
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					वि० [फा० बे+ हिं० तुका] [स्त्री० बेतुका] १. (पद्यमय रचना) जिससी तुर्के न मिलती हों। अंत्यानुप्रास-हीन। २. (बात) जो अवसर, प्रसंग आदि के विचार से बहुत ही अनुपयुक्त तथा महत्त्वहीन हो। मुहा०—बेतुकी हाँकना= बेढंगी बात कहना। ऐसी बात कहना जिसका कोई सिर-पैर न हो। ३. (व्यक्ति)जो अवसर-कुअवसर का ध्यान न रखकर बेंढंगे या भद्दे काम करता अथवा बातें कहता हो। ४. (पदार्थ) जो ठीक ढंग या ठिकाने का न हो। जैसे—बेतुकी पगड़ी।				 | 
			 
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			 
			
				 
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