शब्द का अर्थ
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					बिध					 :
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					स्त्री० [सं० विधि] १. विधाता। ब्रह्या। २. तरह। प्रकार। उदाहरण—जाही बिध राखे राम ताही विधि रहिये। क्रि० प्र०—बैठना।—बैठाना। ३. जमा या खर्च की मदों को जोड़ते-घटाते हुए उनका हिसाब मिलाने की क्रिया या भाव। मुहावरा—बिध मिलना=(क) जोड़ने-घटाने पर आय-व्यय आदि का योग ठीक होना। हिसाब मिलना। (ख) किसी के साथ मेल या संगति बैठना। अनुकूलता होना। जैसे—वर और वधू के ग्रहों की बिध मिलना। बिध मिलाना=(क) आय और व्यय की मदों का जोड़ लगाकर यह देखना कि लेखा ठीक है या नहीं। (ख) यह देखना कि अनुकूलता या संगति बैठती है या नहीं। पुं० [?] हाथियों का चारा या रातिब।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					बिधना					 :
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					पुं० [सं० विधि+उन (प्रत्यय)] ब्रह्या। विधाता। अ०=बिंधना। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					बिधबंदी					 :
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					स्त्री० [सं० विधि=जमा+फा० बंदी] मध्य युग में भूमि-कर देने की वह रीति जिसमें बीघे आदि के हिसाब से कोई कर नियत नहीं होता था, बल्कि सारी जमीन के लिए यों ही अंदाज से कुछ रकम दे दी जाती थी। बिलमुकता।				 | 
			
			
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					बिधवपन					 :
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					पुं०=वैधव्य।				 | 
			
			
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					बिधवा					 :
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					वि०=विधवा।				 | 
			
			
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					बिधवाना					 :
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					स०=बिंधवाना।				 | 
			
			
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					बिधँसना					 :
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					स० [सं० विध्वंसन] विध्वंस करना। नष्ट करना।				 | 
			
			
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					बिधाई					 :
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					पुं० [सं० विधायक] वह जो विधान करता हो। विधायक।				 | 
			
			
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					बिधाता					 :
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					पुं०=विधाता।				 | 
			
			
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					बिधान					 :
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					पुं०=विधान।				 | 
			
			
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					बिधाना					 :
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					स०=बिधाना। अ०=बिंधना। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					बिधानी					 :
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					पुं०=विधायक। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					बिधाँसना					 :
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					स० [सं० विध्वंसन] विध्वंस करना। नष्ट करना।				 | 
			
			
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					बिधि					 :
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					स्त्री०=विधि। पुं०=विधि (ब्रह्मा)। (यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					बिधितात					 :
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					पुं० [सं० विधि+तात] ब्रह्मा का नजक अर्थात् कमल। (यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					बिधिना					 :
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					स्त्री०=बिधना (विधाता)।				 | 
			
			
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					बिधिबान					 :
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					पुं० दे० ‘ब्रह्मास्त्र’।				 | 
			
			
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					बिधुतुद					 :
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					पुं०=बिधुतुद (राहु)।				 | 
			
			
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					बिधुली					 :
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					पुं० [देश] एक प्रकार का बाँस जो हिमालय की तराई में पाया जाता है। नल-बाँस। देव-बाँस। (यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					बिधुंसना					 :
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					स० [विध्वंसन] विध्वंस करना। नष्ट करना। (यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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