शब्द का अर्थ
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					फटा					 :
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					वि० [हिं० फटना] १. जो फट गया हो। जैसे—फटा कपड़ा। मुहावरा—किसी के फटे पैर देना=दूसरे की विपत्ति अपने सिर लेना। २. जो बहुत ही बुरी या हीन अवस्था में आ गया हो। पद—फटे हाल (या हालों)-बहुत ही दुर्दशाग्रस्त रूप में। जैसे—महीने भर में ही भागा हुआ लड़का फटेहाल (या हालों) घर आ पहुँचा। ३. जो बहुत विकृत अवस्था में हो। जैसे—फटी आवाज। पुं० किसी चीज के फटने से बना हुआ गड्ढा या दरार। स्त्री० [सं० फट+टाप्] १. साँप का फन। २. अभिमान। घमंड। ३. छल। धोखा। ४. छिद्र। छेद।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
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					फटाका					 :
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					पुं० [अनु०] फट की तरह होनेवाला जोर का शब्द।				 | 
			
			
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					फटाटोप					 :
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					पुं० [सं० ष० त०] साँप का फैला हुआ फन।				 | 
			
			
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					फटान					 :
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					स्त्री० [हिं० फटना] १. फटन। २. वृक्ष का खोंडर।				 | 
			
			
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