शब्द का अर्थ
			 | 
		 
					
				| 
					प्ररोचना					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० प्र√रुच्+णिच्+युच्—अन,+टाप्] १. नाटक के अभिनय में प्रस्तावना के समय सूत्रधार नट, नटी आदि का नाटक और नाटककार की प्रशंसा में कुछ ऐसी बातें कहना जिससे दर्शकों में अभिनय के प्रति रुचि उत्पन्न हो। २. अभिनय के अन्तर्गत कही जानेवाली ऐसी बात जिससे किसी भाव, घटना या दृश्य के प्रति लोगों में रुचि उत्पन्न हो। ३. दे० ‘प्ररोचन’।				 | 
			 
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			 
			
				 
		 |