शब्द का अर्थ
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					प्रदेश					 :
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					पुं० [सं० प्रा० स०] [वि० प्रादेशिक] १. भू-भाग का कोई खंड, विशेषतः कोई बड़ा खंड। २. किसी संघ राज्य की कोई इकाई। जैसे—उत्तर या मध्यप्रदेश। ३. प्रांत। (दे०) ४. अंग। अवयव। ५. दीवार। ६. नाम। संज्ञा। ७. सुश्रुत के अनुसार एक प्रकार की तंत्र-युक्ति। ८. अँगूठे के अगले सिरे से होकर तर्जनी के अगले सिरे तक की दूरी। छोटा बित्ता या बालिश्त।				 | 
			
			
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					प्रदेशकारी (रिन्)					 :
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					पुं० [सं० प्रदेश√कृ (करना)+णिनि] योगियों ता एक सम्प्रदाय।				 | 
			
			
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					प्रदेशन					 :
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					पुं० [सं० प्र√दिश्+ल्युट्—अन] १. उपहार। भेंट। २. आज्ञा, आदेश, नियम आदि के रूप में यह बतलाया कि यह काम इस प्रकार होना चाहिए। (प्रेसक्रिप्शन) ३. कार्य, वस्तु आदि के छोटे-छोटे भाग करके सुभीते के लिए उन्हें अलग-अलग लोगों को देना या उनमें बाँटना। नियतन। (एलॉटमेन्ट)				 | 
			
			
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					प्रदेशनी					 :
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					स्त्री [सं० प्र√दिश्+ल्युट्—अन,+ ङीष्] अँगूठे के पास की उंगली। तर्जनी।				 | 
			
			
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					प्रदेशित					 :
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					भू० कृ० [सं० प्र√दिश्+णिच्+क्त] १. दिखलाया या बतलाया हुआ। २. जिसका प्रदेशन हुआ हो। प्रदिष्ट।				 | 
			
			
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					प्रदेशी (शिन्)					 :
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					वि० [सं० प्रदेश +इनि] प्रदेश-संबंधी। प्रदेश का।				 | 
			
			
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					प्रदेशीय					 :
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					वि० [सं० प्रदेश+छ—ईय] किसी प्रदेश में होनेवाला अथवा उससे सम्बन्ध रखनेवाला।				 | 
			
			
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