शब्द का अर्थ
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					पोख					 :
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					पुं० [सं० पोषण] १. पालने-पोसने की क्रिया या भाव। २. पालन, पोषण आदि के कारण उत्पन्न होनेवाली पारस्पसिक ममता। ३. दे० ‘पोस’।				 | 
			
			
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					पोख-नरी					 :
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					स्त्री० [हिं०] ढरकी के बीच का गड्ढा जिसमें नरी लगाकर कपड़ा बुना जाता है।				 | 
			
			
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					पोखना					 :
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					स० [सं० पोषण] पालना। पोसना। स०=पोंकना।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) अ०=पोखाना।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					पोखर					 :
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					पुं०=पोखरा।				 | 
			
			
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					पोखरा					 :
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					पुं० [सं० पुष्कर] [स्त्री० पोखरी] वह गहरा तथा अधिक विस्तृत गड्ढा जिसमें बरसाती पानी जमा होता हो। छोटा ताल। पुं० [?] वह आधान जिसमें पाखाना किया जाता है और पानी डालने से बहकर नाले में चला जाता है।				 | 
			
			
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					पोखराज					 :
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					पुं०=पुखराज।				 | 
			
			
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					पोखरी					 :
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					स्त्री० हिं० ‘पोखरा’ का स्त्री० अल्पा० रूप।				 | 
			
			
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