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पूजा  : स्त्री० [सं०√पूज्+णिच्+अ+टाप्] १. देवी-देवता के प्रति विनय, श्रद्धा और समर्पण का भाव प्रकट करनेवाले कार्य। अर्चना। पूजन। २. किसी देवी-देवता पर जल, फूल, फल, अक्षत आदि चढ़ाने का धार्मिक कृत्य। पूजन। ३. बहुत अधिक या यथेष्ट आदर-सत्कार। आव-भगत। खातिरदारी। ४. किसी को प्रसन्न या संतुष्ट करने के लिए किया जानेवाला कोई कार्य। ५. उक्त के आधार पर, लाक्षणिक रूप में, घूस या रिश्वत। जैसे—अब तो पहले दफ्तरवालों की पूजा करो, तब कहीं जाकर नौकरी मिलती है। ६. व्यंग्य के रूप में, किसी को मारने-पीटने अथवा तिरस्कृत या दंडित करने की क्रिया या भाव। जैसे—चलो देखो, आज घर पर तुम्हारी कैसी पूजा होती है।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
पूजा  : स्त्री० [सं०√पूज्+णिच्+अ+टाप्] १. देवी-देवता के प्रति विनय, श्रद्धा और समर्पण का भाव प्रकट करनेवाले कार्य। अर्चना। पूजन। २. किसी देवी-देवता पर जल, फूल, फल, अक्षत आदि चढ़ाने का धार्मिक कृत्य। पूजन। ३. बहुत अधिक या यथेष्ट आदर-सत्कार। आव-भगत। खातिरदारी। ४. किसी को प्रसन्न या संतुष्ट करने के लिए किया जानेवाला कोई कार्य। ५. उक्त के आधार पर, लाक्षणिक रूप में, घूस या रिश्वत। जैसे—अब तो पहले दफ्तरवालों की पूजा करो, तब कहीं जाकर नौकरी मिलती है। ६. व्यंग्य के रूप में, किसी को मारने-पीटने अथवा तिरस्कृत या दंडित करने की क्रिया या भाव। जैसे—चलो देखो, आज घर पर तुम्हारी कैसी पूजा होती है।
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पूजाधार  : पुं० [सं० पूजा-आधार, ष० त०] देवपूजा में विधेय, वस्तुएँ और बातें। जैसे—जल, विष्णुचक्र, मंत्र, प्रतिमा, शालग्राम आदि।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
पूजाधार  : पुं० [सं० पूजा-आधार, ष० त०] देवपूजा में विधेय, वस्तुएँ और बातें। जैसे—जल, विष्णुचक्र, मंत्र, प्रतिमा, शालग्राम आदि।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
पूजार्ह  : वि० [सं० पूजा√अर्ह् (पूजना)+अच्] पूजनीय।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
पूजार्ह  : वि० [सं० पूजा√अर्ह् (पूजना)+अच्] पूजनीय।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
 
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