शब्द का अर्थ
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					पीटना					 :
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					स० [सं० पीडन] १. किसी जीव पर उसे चोट पहुँचाने अथवा सजा देने के उद्देश्य से किसी चीज से जोर से आघात करना। जैसे—लड़के को छड़ी से पीटना। २. किसी पदार्थ पर इस प्रकार किसी भारी चीज से निरंतर आघात करना कि उसमें कुछ विशिष्ट विकार आ जाय। जैसे—(क) दुरमुस से कंकड पीटना। (ख) पिटने से कपड़ा पीटना। (ग) हथौड़ी से पत्थर पीटना। ३. घोर, दुःख, व्यथा या शोक प्रदर्शित करने के लिए दोनों हाथों की हथेलियों से अपने किसी अंग पर जोरों से आघात करना। जैसे—छाती, मुँह या सिर पीटना। ४. चौसर, शतरंज आदि के खेलों में, विपक्षी की गोट या मोहरा मारना। जैसे—हाथी, घोड़ा या प्यादा पीटना। ५. जैसे-तैसे किसी से कुछ प्राप्त या वसूल करना। ६. जैसे-तैसे कोई काम पूरा करना। पुं० १. मृत्यु-शोक। मातम। विलाप। जैसे—यहाँ यह कैसा पीटना पड़ा हुआ है ! २. आपद। मुसीबत।				 | 
			 
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			 
			
					
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					पीटना					 :
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					स० [सं० पीडन] १. किसी जीव पर उसे चोट पहुँचाने अथवा सजा देने के उद्देश्य से किसी चीज से जोर से आघात करना। जैसे—लड़के को छड़ी से पीटना। २. किसी पदार्थ पर इस प्रकार किसी भारी चीज से निरंतर आघात करना कि उसमें कुछ विशिष्ट विकार आ जाय। जैसे—(क) दुरमुस से कंकड पीटना। (ख) पिटने से कपड़ा पीटना। (ग) हथौड़ी से पत्थर पीटना। ३. घोर, दुःख, व्यथा या शोक प्रदर्शित करने के लिए दोनों हाथों की हथेलियों से अपने किसी अंग पर जोरों से आघात करना। जैसे—छाती, मुँह या सिर पीटना। ४. चौसर, शतरंज आदि के खेलों में, विपक्षी की गोट या मोहरा मारना। जैसे—हाथी, घोड़ा या प्यादा पीटना। ५. जैसे-तैसे किसी से कुछ प्राप्त या वसूल करना। ६. जैसे-तैसे कोई काम पूरा करना। पुं० १. मृत्यु-शोक। मातम। विलाप। जैसे—यहाँ यह कैसा पीटना पड़ा हुआ है ! २. आपद। मुसीबत।				 | 
			 
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			 
			
				 
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