शब्द का अर्थ
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					पारक					 :
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					वि० [सं०√पृ+ण्वुल्—अक] [स्त्री० पारकी] १. पार करने या लगानेवाला। २. उद्धार करने या बचानेवाला। ३. पालन करनेवाला। पालक। ४. प्रीति या प्रेम करनेवाला। प्रेमी। ५. पूर्ति करनेवाला। पुं० १. सोना। स्वर्ण। २. वह पत्र जो परीक्षा आदि में उत्तीर्ण होने का सूचक हो। ३. वह पत्र जिसे दिखलाकर कोई कहीं आ-जा सके या इसी प्रकार का और कोई काम करने का अधिकार प्राप्त करे। पार-पत्र। (पास)				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					पारक					 :
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					वि० [सं०√पृ+ण्वुल्—अक] [स्त्री० पारकी] १. पार करने या लगानेवाला। २. उद्धार करने या बचानेवाला। ३. पालन करनेवाला। पालक। ४. प्रीति या प्रेम करनेवाला। प्रेमी। ५. पूर्ति करनेवाला। पुं० १. सोना। स्वर्ण। २. वह पत्र जो परीक्षा आदि में उत्तीर्ण होने का सूचक हो। ३. वह पत्र जिसे दिखलाकर कोई कहीं आ-जा सके या इसी प्रकार का और कोई काम करने का अधिकार प्राप्त करे। पार-पत्र। (पास)				 | 
			
			
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				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					पारकी					 :
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					वि०=परकीय।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
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					पारकी					 :
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					वि०=परकीय।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
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					पारक्य					 :
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					वि० [सं० पर+ष्यञ्, कुक्] परकीय। पराया। पुं० पवित्र आचरण या पुण्य कार्य जो परलोक में उत्तम गति प्राप्त कराता है।				 | 
			
			
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					पारक्य					 :
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					वि० [सं० पर+ष्यञ्, कुक्] परकीय। पराया। पुं० पवित्र आचरण या पुण्य कार्य जो परलोक में उत्तम गति प्राप्त कराता है।				 | 
			
			
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