शब्द का अर्थ
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पाद :
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पुं० [सं०√पद् (गति)+घञ्] १. चरण। पैर। पाँव। २. किसी चीज का चौथाई भाग। चतुर्थांस। जैसे—चिकित्सा के चार पाद हैं। ३. छंद, श्लोक, आदि का चौथाई भाग जो एक चरण या पाद के रूप में होता है। ४. ज्यामिति में, किसी क्षेत्र या वृत्त का चौथाई अंश। (क्वाड्रेन्ट) ५. कोई ऐसी चीज जिसके आधार पर कोई दूसरी चोख खड़ी या ठहरी हो। ६. किसी वस्तु का नीचेवाला भाग। तल। जैसे—पर्वत या वृक्ष का पाद भाग। ७. ग्रंथ या पुस्तक का कोई विशिष्ट अंश। खंड या भाग। ८. किसी बड़े पर्वत के पास का कोई छोटा पर्वत। ९. किरण। रश्मि। १॰. चलने की क्रिया या भाव। गति। गमन। ११. शिव। पुं० [सं० पर्द] मलद्वार से निकलनेवाली वायु। अपानवायु। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाद :
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पुं० [सं०√पद् (गति)+घञ्] १. चरण। पैर। पाँव। २. किसी चीज का चौथाई भाग। चतुर्थांस। जैसे—चिकित्सा के चार पाद हैं। ३. छंद, श्लोक, आदि का चौथाई भाग जो एक चरण या पाद के रूप में होता है। ४. ज्यामिति में, किसी क्षेत्र या वृत्त का चौथाई अंश। (क्वाड्रेन्ट) ५. कोई ऐसी चीज जिसके आधार पर कोई दूसरी चोख खड़ी या ठहरी हो। ६. किसी वस्तु का नीचेवाला भाग। तल। जैसे—पर्वत या वृक्ष का पाद भाग। ७. ग्रंथ या पुस्तक का कोई विशिष्ट अंश। खंड या भाग। ८. किसी बड़े पर्वत के पास का कोई छोटा पर्वत। ९. किरण। रश्मि। १॰. चलने की क्रिया या भाव। गति। गमन। ११. शिव। पुं० [सं० पर्द] मलद्वार से निकलनेवाली वायु। अपानवायु। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाद-कटक :
|
पुं० [ष० त०] नूपुर। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाद-कटक :
|
पुं० [ष० त०] नूपुर। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाद-कमल :
|
पुं० [कर्म० स०] चरण-कमल। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाद-कमल :
|
पुं० [कर्म० स०] चरण-कमल। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाद-कीलिका :
|
स्त्री० [ष० त०] नूपुर। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाद-कीलिका :
|
स्त्री० [ष० त०] नूपुर। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाद-कृच्छ :
|
पुं० [ष० त०] प्रायश्चित्त करने के लिए चार दिन तक रखा जानेवाला एक तरह का व्रत। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाद-कृच्छ :
|
पुं० [ष० त०] प्रायश्चित्त करने के लिए चार दिन तक रखा जानेवाला एक तरह का व्रत। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाद-क्षेप :
|
पुं० [ष० त०] चलने के समय पैर रखना। चलना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाद-क्षेप :
|
पुं० [ष० त०] चलने के समय पैर रखना। चलना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाद-गंडीर :
|
पुं० [सं० पाद-गण्डि+ई, ष० त०,+र] फीलपाँव या श्लोपद नामक रोग। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाद-गंडीर :
|
पुं० [सं० पाद-गण्डि+ई, ष० त०,+र] फीलपाँव या श्लोपद नामक रोग। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाद-ग्रंथि :
|
स्त्री० [ष० त०] टखना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाद-ग्रंथि :
|
स्त्री० [ष० त०] टखना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाद-ग्रहण :
|
पुं० [ष० त०] पैर छूकर प्रणाम करने का एक प्रकार। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाद-ग्रहण :
|
पुं० [ष० त०] पैर छूकर प्रणाम करने का एक प्रकार। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाद-चतुर :
|
वि० [स० त०] निंदा करनेवाला। पुं० १. बकरा। २. पीपल का पेड़। ३. बालू का भीटा। ४. ओला। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाद-चतुर :
|
वि० [स० त०] निंदा करनेवाला। पुं० १. बकरा। २. पीपल का पेड़। ३. बालू का भीटा। ४. ओला। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाद-जल :
|
पुं० [सं० मध्य० स०] १. वह जल जिसमें किसी के पैर धोए गये हों। चरणोदक। २. मट्ठा जिसमें चौथाई अंश पानी मिला हो। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाद-जल :
|
पुं० [सं० मध्य० स०] १. वह जल जिसमें किसी के पैर धोए गये हों। चरणोदक। २. मट्ठा जिसमें चौथाई अंश पानी मिला हो। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाद-टिप्पणी :
|
स्त्री० [मध्य० स०] वह टिप्पणी जो किसी ग्रंथ में पृष्ठ के निचले भाग में सूचना, निर्देश के लिए लिखी गई हो। तल-टीप। (फुटनोट) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाद-टिप्पणी :
|
स्त्री० [मध्य० स०] वह टिप्पणी जो किसी ग्रंथ में पृष्ठ के निचले भाग में सूचना, निर्देश के लिए लिखी गई हो। तल-टीप। (फुटनोट) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाद-टीका :
|
स्त्री०=पाद-टिप्पणी। (दे०) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाद-टीका :
|
स्त्री०=पाद-टिप्पणी। (दे०) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाद-तल :
|
पुं० [ष० त०] पैर का तलवा। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाद-तल :
|
पुं० [ष० त०] पैर का तलवा। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाद-त्राण :
|
वि० [ब० स०] पैरों की रक्षा करनेवाला। पुं० पैरों की रक्षा के लिए पहनी जानेवाली चीज। जैसे—खड़ाऊँ, चप्पल, जूता आदि। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाद-त्राण :
|
वि० [ब० स०] पैरों की रक्षा करनेवाला। पुं० पैरों की रक्षा के लिए पहनी जानेवाली चीज। जैसे—खड़ाऊँ, चप्पल, जूता आदि। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाद-त्रान :
|
पुं०=पाद-त्राण।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाद-त्रान :
|
पुं०=पाद-त्राण।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाद-दलित :
|
वि० [तृ० त०] पाद-दलित। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाद-दलित :
|
वि० [तृ० त०] पाद-दलित। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाद-दारिका :
|
स्त्री० [ष० त०] बिवाई (रोग)। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाद-दारिका :
|
स्त्री० [ष० त०] बिवाई (रोग)। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाद-दाह :
|
पुं० [सं० पाद√दह् (जलाना)+अण्] १. वात रोग के कारण पैर में होनेवाली जलन। २. उक्त जलन पैदा करनेवाला वात रोग। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाद-दाह :
|
पुं० [सं० पाद√दह् (जलाना)+अण्] १. वात रोग के कारण पैर में होनेवाली जलन। २. उक्त जलन पैदा करनेवाला वात रोग। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाद-धावन :
|
पुं० [ष० त०] १. पैर धोने की क्रिया। २. वह बालू या मिट्टी जिससे मलकर पैर धोते हैं। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाद-धावन :
|
पुं० [ष० त०] १. पैर धोने की क्रिया। २. वह बालू या मिट्टी जिससे मलकर पैर धोते हैं। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाद-धावनिका :
|
स्त्री० [ष० त०] वह बालू जिससे पैर रगड़कर धोये जाते हैं। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाद-धावनिका :
|
स्त्री० [ष० त०] वह बालू जिससे पैर रगड़कर धोये जाते हैं। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाद-नख :
|
पुं० [ष० त०] पैरों की उँगलियों के नाखून। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाद-नख :
|
पुं० [ष० त०] पैरों की उँगलियों के नाखून। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाद-नालिका :
|
स्त्री० [ष० त०] नूपुर। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाद-नालिका :
|
स्त्री० [ष० त०] नूपुर। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाद-निकेत :
|
पुं० [ष० त०] पैर रखने की छोटी चौकी। पाद-पीठि। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाद-निकेत :
|
पुं० [ष० त०] पैर रखने की छोटी चौकी। पाद-पीठि। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाद-न्यास :
|
पुं० [ष० त०] १. बराबर पैर रखते हुए चलना। २. नाचना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाद-न्यास :
|
पुं० [ष० त०] १. बराबर पैर रखते हुए चलना। २. नाचना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाद-पंकज :
|
पुं० [उपमि० स०] चरण-कमल। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाद-पंकज :
|
पुं० [उपमि० स०] चरण-कमल। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाद-पथ :
|
पुं० [ष० त०] पैदल चलने का छोटा और सँकरा मार्ग। पैदल का रास्ता, जिस पर सवारी न जा सकती हो। (फुटपाथ) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाद-पथ :
|
पुं० [ष० त०] पैदल चलने का छोटा और सँकरा मार्ग। पैदल का रास्ता, जिस पर सवारी न जा सकती हो। (फुटपाथ) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाद-पद्धति :
|
स्त्री० [ष० त०] १. रास्ता। २. पगडंडी। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाद-पद्धति :
|
स्त्री० [ष० त०] १. रास्ता। २. पगडंडी। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाद-पालिका :
|
स्त्री० [ष० त०] नूपुर। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाद-पालिका :
|
स्त्री० [ष० त०] नूपुर। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाद-पाश :
|
पुं० [ष० त०] १. वह रस्सी जिससे घोड़ों के पिछले दोनों पैर बाँधे जाते हैं। पिछाड़ी। २. नूपुर। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाद-पाश :
|
पुं० [ष० त०] १. वह रस्सी जिससे घोड़ों के पिछले दोनों पैर बाँधे जाते हैं। पिछाड़ी। २. नूपुर। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाद-पीठि :
|
पुं० [ष० त०] वह पीढ़ा या छोटी चौकी जिस पर ऊँचे आसन पर बैठनेवाले पैर रखकर बैठते हैं। (पेडस्टल) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाद-पीठि :
|
पुं० [ष० त०] वह पीढ़ा या छोटी चौकी जिस पर ऊँचे आसन पर बैठनेवाले पैर रखकर बैठते हैं। (पेडस्टल) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाद-पीठिका :
|
स्त्री० [ष० त०] १. नाई का पेशा। २. सफेद पत्थर। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाद-पीठिका :
|
स्त्री० [ष० त०] १. नाई का पेशा। २. सफेद पत्थर। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाद-पूरण :
|
पुं० [ष० त०] १. किसी श्लोक या पद के किसी चरण को पूरा करना। पादपूर्ति। २. वह अक्षर या शब्द जिससे किसी श्लोक या पद की पूर्ति होती है। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाद-पूरण :
|
पुं० [ष० त०] १. किसी श्लोक या पद के किसी चरण को पूरा करना। पादपूर्ति। २. वह अक्षर या शब्द जिससे किसी श्लोक या पद की पूर्ति होती है। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाद-पूर्ति :
|
स्त्री० [ष० त०] कविता में, छंद का चरण पूरा करने के लिए उसमें कोई अक्षर या शब्द जोड़ना या बढ़ाना। चरणपूर्ति। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाद-पूर्ति :
|
स्त्री० [ष० त०] कविता में, छंद का चरण पूरा करने के लिए उसमें कोई अक्षर या शब्द जोड़ना या बढ़ाना। चरणपूर्ति। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाद-प्रक्षालन :
|
पुं० [ष० त०] पैर धोना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाद-प्रक्षालन :
|
पुं० [ष० त०] पैर धोना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाद-प्रणाम :
|
पुं० [स० त०] साष्टांग दंडवत्। पाँव पड़ना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाद-प्रणाम :
|
पुं० [स० त०] साष्टांग दंडवत्। पाँव पड़ना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाद-प्रतिष्ठान :
|
पुं० [ष० त०] पाद-पीठ। (दे०) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाद-प्रतिष्ठान :
|
पुं० [ष० त०] पाद-पीठ। (दे०) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाद-प्रधारण :
|
पुं० [ब० स०] १. खड़ाऊँ। २. जूता। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाद-प्रधारण :
|
पुं० [ब० स०] १. खड़ाऊँ। २. जूता। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाद-प्रसारण :
|
पुं० [ष० त०] पैर फैलाने की क्रिया या भाव। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाद-प्रसारण :
|
पुं० [ष० त०] पैर फैलाने की क्रिया या भाव। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाद-प्रहार :
|
पुं० [तृ० त०] पैर से किया जानेवाला आघात या प्रहार। लात मारना। ठोकर मारना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाद-प्रहार :
|
पुं० [तृ० त०] पैर से किया जानेवाला आघात या प्रहार। लात मारना। ठोकर मारना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाद-बंध :
|
पुं० [ष० त०] १. कैदियों, पशुओं आदि के पैरों में बाँदी जानेवाली जंजीर। २. बेड़ी। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाद-बंध :
|
पुं० [ष० त०] १. कैदियों, पशुओं आदि के पैरों में बाँदी जानेवाली जंजीर। २. बेड़ी। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाद-बंधन :
|
पुं० [ष० त०] पाद-बंध। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाद-बंधन :
|
पुं० [ष० त०] पाद-बंध। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाद-भट :
|
पुं० [मध्य० स०] पैदल सिपाही। प्यादा। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाद-भट :
|
पुं० [मध्य० स०] पैदल सिपाही। प्यादा। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाद-भाग :
|
पुं० [ष० त०] १. पैर का निचला भाग। २. चौथा हिस्सा। चौथाई। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाद-भाग :
|
पुं० [ष० त०] १. पैर का निचला भाग। २. चौथा हिस्सा। चौथाई। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाद-मुद्रा :
|
स्त्री० [ष० त०] चरण-चिह्न। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाद-मुद्रा :
|
स्त्री० [ष० त०] चरण-चिह्न। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाद-मूल :
|
स्त्री० [ष० त०] १. पैर का निचला भाग। २. पर्वत की तराई। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाद-मूल :
|
स्त्री० [ष० त०] १. पैर का निचला भाग। २. पर्वत की तराई। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाद-रज (जस्) :
|
स्त्री० [ष० त०] चरण-धूलि। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाद-रज (जस्) :
|
स्त्री० [ष० त०] चरण-धूलि। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाद-रज्जु :
|
स्त्री० [ष० त०] वह रस्सी या सिक्कड़ जिससे पर, विशेषतः हाथी के पैर बाँधे जाते हैं। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाद-रज्जु :
|
स्त्री० [ष० त०] वह रस्सी या सिक्कड़ जिससे पर, विशेषतः हाथी के पैर बाँधे जाते हैं। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाद-लग्न :
|
वि० [स० त०] जो पैरों से आ लगा हो; अर्थात् शरण में आया हुआ। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाद-लग्न :
|
वि० [स० त०] जो पैरों से आ लगा हो; अर्थात् शरण में आया हुआ। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाद-लेप :
|
पुं० [ष० त०] पैरों में किया जानेवाला आलते, महावर आदि का लेप। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाद-लेप :
|
पुं० [ष० त०] पैरों में किया जानेवाला आलते, महावर आदि का लेप। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाद-वंदन :
|
पुं० [ष० त०] १. पैर पकड़कर प्रणाम करना। २. चरणों की पूजा, सेवा या स्तुति। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाद-वंदन :
|
पुं० [ष० त०] १. पैर पकड़कर प्रणाम करना। २. चरणों की पूजा, सेवा या स्तुति। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाद-वाल्मीक :
|
पुं० [स० त०] फीलपाँव (रोग)। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाद-वाल्मीक :
|
पुं० [स० त०] फीलपाँव (रोग)। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाद-वेष्टनिक :
|
पुं० [ष० त०] पाताबा। मोजा। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाद-वेष्टनिक :
|
पुं० [ष० त०] पाताबा। मोजा। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाद-शब्द :
|
पुं० [ष० त०] किसी के चलने से पहलेवाला शब्द। पैर की आहट। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाद-शब्द :
|
पुं० [ष० त०] किसी के चलने से पहलेवाला शब्द। पैर की आहट। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाद-शाखा :
|
स्त्री० [ष० त०] १. पैर की उँगली। २. पैर की नोक। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाद-शाखा :
|
स्त्री० [ष० त०] १. पैर की उँगली। २. पैर की नोक। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाद-शैल :
|
पुं० [मध्य० स०] बड़े पहाड़ के नीचे या पास का कोई छोटा पहाड़। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाद-शैल :
|
पुं० [मध्य० स०] बड़े पहाड़ के नीचे या पास का कोई छोटा पहाड़। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाद-शोथ :
|
पुं० [ष० त०] १. पैर में होनेवाली सूजन। २. पैरों में सूजन होने का रोग। फीलपाँव। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाद-शोथ :
|
पुं० [ष० त०] १. पैर में होनेवाली सूजन। २. पैरों में सूजन होने का रोग। फीलपाँव। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाद-शौच :
|
पुं० [ष० त०] पैर धोना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाद-शौच :
|
पुं० [ष० त०] पैर धोना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाद-श्लाका :
|
स्त्री० [ष० त०] पैर की नली। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाद-श्लाका :
|
स्त्री० [ष० त०] पैर की नली। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाद-सेवन :
|
पुं०=पाद-सेवा। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाद-सेवन :
|
पुं०=पाद-सेवा। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाद-सेवा :
|
स्त्री० [ष० त०] चरण दबाना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाद-सेवा :
|
स्त्री० [ष० त०] चरण दबाना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाद-स्ठोट :
|
पुं० [ष० त०] वैद्यक के अनुसार ग्यारह प्रकार के क्षुद्र कुष्ठों में से एक। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाद-स्ठोट :
|
पुं० [ष० त०] वैद्यक के अनुसार ग्यारह प्रकार के क्षुद्र कुष्ठों में से एक। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाद-स्तंभ :
|
पुं० [ष० त०] वह लकड़ी जो किसी चीज को गिरने से रोकने के लिए उसके नीचे लगाई जाती है। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाद-स्तंभ :
|
पुं० [ष० त०] वह लकड़ी जो किसी चीज को गिरने से रोकने के लिए उसके नीचे लगाई जाती है। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाद-स्वेदन :
|
पुं० [ष० त०] पैरों में विशेषतः पैरों के तलवों में पसीना आना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाद-स्वेदन :
|
पुं० [ष० त०] पैरों में विशेषतः पैरों के तलवों में पसीना आना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाद-हत :
|
भू० कृ० [तृ० त०] जिस पर पैर का आघात किया गया हो। जिसे पैर से मारा गया हो। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाद-हत :
|
भू० कृ० [तृ० त०] जिस पर पैर का आघात किया गया हो। जिसे पैर से मारा गया हो। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाद-हर्ष :
|
पुं० [ष० त०] एक वात रोग जिसमें पैरों में झुनझुनी होती है। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाद-हर्ष :
|
पुं० [ष० त०] एक वात रोग जिसमें पैरों में झुनझुनी होती है। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाद-हीन :
|
वि० [तृ० त०] १. पाद या पैर से रहित। २. जिसका चौथा चरण न हो। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाद-हीन :
|
वि० [तृ० त०] १. पाद या पैर से रहित। २. जिसका चौथा चरण न हो। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पादक :
|
वि० [सं० √पद्+ण्वुल्—अक] १. जो खूब चलता हो। चलनेवाला। २. किसी चीज का चौथाई अंश। पुं० छोटा पैर। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पादक :
|
वि० [सं० √पद्+ण्वुल्—अक] १. जो खूब चलता हो। चलनेवाला। २. किसी चीज का चौथाई अंश। पुं० छोटा पैर। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पादक्रमिक :
|
वि० [सं० पद-क्रम, ष० त०,+ठक्—इक] वेदों का पदक्रम जानने या पढ़नेवाला। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पादक्रमिक :
|
वि० [सं० पद-क्रम, ष० त०,+ठक्—इक] वेदों का पदक्रम जानने या पढ़नेवाला। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पादचत्वर :
|
वि०, पुं० [सं०] पाद-चतुर। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पादचत्वर :
|
वि०, पुं० [सं०] पाद-चतुर। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पादचारी (रिन्) :
|
वि० [सं० पाद√चर् (गति)+णिनि] १. पैरों से चलनेवाला। २. पैदल चलनेवाला। पुं० प्यादा। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पादचारी (रिन्) :
|
वि० [सं० पाद√चर् (गति)+णिनि] १. पैरों से चलनेवाला। २. पैदल चलनेवाला। पुं० प्यादा। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पादज :
|
वि० [सं० पाद√जन्+ड] जो पैरों से उत्पन्न हुआ हो। पुं० शूद्र। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पादज :
|
वि० [सं० पाद√जन्+ड] जो पैरों से उत्पन्न हुआ हो। पुं० शूद्र। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पादजाह :
|
पुं० [सं० पाद+जाहच्] १. पैर की एड़ी। २. पैर का तलवा। ३. टखना। ४. वह भूमि जहाँ पहाड़ शुरु होता है। ५. चरणों का सान्निध्य। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पादजाह :
|
पुं० [सं० पाद+जाहच्] १. पैर की एड़ी। २. पैर का तलवा। ३. टखना। ४. वह भूमि जहाँ पहाड़ शुरु होता है। ५. चरणों का सान्निध्य। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पादत्र :
|
पुं० [सं० पाद√त्रा (रक्षा)+क] पाद-त्राण। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पादत्र :
|
पुं० [सं० पाद√त्रा (रक्षा)+क] पाद-त्राण। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पादना :
|
अ० [हिं० पाद] १. मलद्वार से वायु विशेषतः शब्द करती हुई वायु निकालना। २. खेल में, विपक्षी द्वारा अधिक दौड़ाया, भगाया तथा परेशान किया जाना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पादना :
|
अ० [हिं० पाद] १. मलद्वार से वायु विशेषतः शब्द करती हुई वायु निकालना। २. खेल में, विपक्षी द्वारा अधिक दौड़ाया, भगाया तथा परेशान किया जाना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पादप :
|
पुं० [सं० पाद√पा (पीना)+क] १. वृक्ष। पेड़। २. पाद निकेत। पाद पीठ। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पादप :
|
पुं० [सं० पाद√पा (पीना)+क] १. वृक्ष। पेड़। २. पाद निकेत। पाद पीठ। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पादप-खंड :
|
पुं० [ष० त०] १. वृक्षों का समूह। २. जंगल। वन। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पादप-खंड :
|
पुं० [ष० त०] १. वृक्षों का समूह। २. जंगल। वन। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पादपा :
|
स्त्री० [सं० पाद√पा (रक्षा करना)+क+टाप्] १. खड़ाऊँ। २. जूता। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पादपा :
|
स्त्री० [सं० पाद√पा (रक्षा करना)+क+टाप्] १. खड़ाऊँ। २. जूता। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पादपाशी :
|
स्त्री० [सं० पादपाश+ङीष्] १. पैर में बाँधने की जंजीर या सिकड़ी। २. बेड़ी। ३. एक लता। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पादपाशी :
|
स्त्री० [सं० पादपाश+ङीष्] १. पैर में बाँधने की जंजीर या सिकड़ी। २. बेड़ी। ३. एक लता। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पादरक्ष (क) :
|
पुं० [सं० पाद√रक्ष् (रक्षा करना)+अण्; पाद-रक्षक, ष० त०] वह जिससे पैरों की रक्षा की जाय। जैसे—जूता, खड़ाऊँ आदि। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पादरक्ष (क) :
|
पुं० [सं० पाद√रक्ष् (रक्षा करना)+अण्; पाद-रक्षक, ष० त०] वह जिससे पैरों की रक्षा की जाय। जैसे—जूता, खड़ाऊँ आदि। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पादरथी :
|
स्त्री० [सं० रथ+ङीष्, पाद-रथी, ष० त०] खड़ाऊँ। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पादरथी :
|
स्त्री० [सं० रथ+ङीष्, पाद-रथी, ष० त०] खड़ाऊँ। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पादरी :
|
पुं० [पुर्त्त० पैड्रे] मसीही धर्मावलंबियों का धर्मगुरु या पुरोहित। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पादरी :
|
पुं० [पुर्त्त० पैड्रे] मसीही धर्मावलंबियों का धर्मगुरु या पुरोहित। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पादरोह, पादरोहण :
|
पुं० [सं० पाद√रुह् (उत्पत्ति)+अच्] [सं० पाद√रुह्+ल्यु—अन] बड़ का पेड़। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पादरोह, पादरोहण :
|
पुं० [सं० पाद√रुह् (उत्पत्ति)+अच्] [सं० पाद√रुह्+ल्यु—अन] बड़ का पेड़। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पादविक :
|
पुं० [सं० पदवी+ठक्—इक] पथिक। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पादविक :
|
पुं० [सं० पदवी+ठक्—इक] पथिक। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पादविंदु :
|
पुं० [सं०]=अधःस्वस्तिक। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पादविंदु :
|
पुं० [सं०]=अधःस्वस्तिक। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पादशाह :
|
पुं० [फा०] [भाव० पादशाही] पादशाह। सम्राट्। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पादशाह :
|
पुं० [फा०] [भाव० पादशाही] पादशाह। सम्राट्। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पादशाहजादा :
|
पुं० [फा०] बादशाहजादा। महाराजकुमार। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पादशाहजादा :
|
पुं० [फा०] बादशाहजादा। महाराजकुमार। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पादशाही :
|
वि० [फा०] बादशाह का। स्त्री० १. राज्य। शासन। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पादशाही :
|
वि० [फा०] बादशाह का। स्त्री० १. राज्य। शासन। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पादशिष्ट-जल :
|
पुं० [सं० पाद-शिष्ट, तृ० त०; पादशिष्ट-जल, कर्म० स०] ऐसा जल जो औटाकर चौथाई कर लिया गया हो। (वैद्यक) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पादशिष्ट-जल :
|
पुं० [सं० पाद-शिष्ट, तृ० त०; पादशिष्ट-जल, कर्म० स०] ऐसा जल जो औटाकर चौथाई कर लिया गया हो। (वैद्यक) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पादशुश्रूषा :
|
स्त्री० [ष० त०] चरण-सेवा। पैर दबाना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पादशुश्रूषा :
|
स्त्री० [ष० त०] चरण-सेवा। पैर दबाना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पादा-नोन :
|
पुं० [देश०] काला नमक। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पादा-नोन :
|
पुं० [देश०] काला नमक। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पादांक :
|
पुं० [सं० पाद-अंक, ष० त०] पद-चिह्न। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पादांक :
|
पुं० [सं० पाद-अंक, ष० त०] पद-चिह्न। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पादाकुल :
|
पुं०=पादाकुलक। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पादाकुल :
|
पुं०=पादाकुलक। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पादांकुलक :
|
पुं० दे० ‘पादाकुलक’। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पादाकुलक :
|
पुं० [सं० पाद-आकुल, तृ० त०,+कन्] एक प्रकार का मांत्रिक छंद जिसके प्रत्येक चरण में १६ मात्राएँ होती हैं। विशेष—भानु कवि के मत से वह छंद पादाकुलक कहलाता है जिसके प्रत्येक चरण में चार चौकल हों। यथा—गुरु-पद मृदु रज मंजुल अंजन नयन अमिय दृग दोष विभंजन।—तुलसी। परन्तु अन्य आचार्यों के मत में १६ मात्राओंवाले सभी छंद पादाकुलक कहलाते हैं। परन्तु उनके आरंभ में द्विकल अवश्य होना चाहिए; पर त्रिकल कभी नहीं होना चाहिए। इस दृष्टि से अटिल्ल, डिल्ला और पद्धति या छंद भी पादाकुलक वर्ग में आ जाते हैं। ऐसे छंदों की चाल त्रोटक वृत्त की चाल से मिलती-जुलती होती है। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पादांकुलक :
|
पुं० दे० ‘पादाकुलक’। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पादाकुलक :
|
पुं० [सं० पाद-आकुल, तृ० त०,+कन्] एक प्रकार का मांत्रिक छंद जिसके प्रत्येक चरण में १६ मात्राएँ होती हैं। विशेष—भानु कवि के मत से वह छंद पादाकुलक कहलाता है जिसके प्रत्येक चरण में चार चौकल हों। यथा—गुरु-पद मृदु रज मंजुल अंजन नयन अमिय दृग दोष विभंजन।—तुलसी। परन्तु अन्य आचार्यों के मत में १६ मात्राओंवाले सभी छंद पादाकुलक कहलाते हैं। परन्तु उनके आरंभ में द्विकल अवश्य होना चाहिए; पर त्रिकल कभी नहीं होना चाहिए। इस दृष्टि से अटिल्ल, डिल्ला और पद्धति या छंद भी पादाकुलक वर्ग में आ जाते हैं। ऐसे छंदों की चाल त्रोटक वृत्त की चाल से मिलती-जुलती होती है। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पादाक्रांत :
|
वि० [सं० पाद-आक्रांत, तृ० त०] पैरों से कुचला या रौंदा हुआ। पद-दलित। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पादाक्रांत :
|
वि० [सं० पाद-आक्रांत, तृ० त०] पैरों से कुचला या रौंदा हुआ। पद-दलित। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पादांगद :
|
पुं० [सं० पाद-अंगद, ष० त०] नूपुर। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पादांगद :
|
पुं० [सं० पाद-अंगद, ष० त०] नूपुर। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पादांगुलि (ली) :
|
स्त्री० [पाद-अंगुली, ष० त०] पैर की उँगली। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पादांगुलि (ली) :
|
स्त्री० [पाद-अंगुली, ष० त०] पैर की उँगली। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पादांगुष्ठ :
|
पु० [सं० पाद-अंगुष्ठ, ष० त०] पैर का अँगूठा। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पादांगुष्ठ :
|
पु० [सं० पाद-अंगुष्ठ, ष० त०] पैर का अँगूठा। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पादाग्र :
|
पुं० [सं० पाद-अग्र, ष० त०] पैर का अगला भाग। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पादाग्र :
|
पुं० [सं० पाद-अग्र, ष० त०] पैर का अगला भाग। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पादाघात :
|
पुं० [पाद-आघात, ष० त०] पैर से किया जानेवाला प्रहार। पाद-प्रहार। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पादाघात :
|
पुं० [पाद-आघात, ष० त०] पैर से किया जानेवाला प्रहार। पाद-प्रहार। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पादांत :
|
पुं० [सं० पाद-अंत, ष० त०] पद का अंतिम भाग। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पादात :
|
पुं० [सं० पदाति+अण्] १. पैदल सिपाही। २. पैदल सेना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पादांत :
|
पुं० [सं० पाद-अंत, ष० त०] पद का अंतिम भाग। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पादात :
|
पुं० [सं० पदाति+अण्] १. पैदल सिपाही। २. पैदल सेना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पादांतस्थित :
|
वि० [सं० पादांत-स्थित स० त०] पद के अन्त में होनेवाला। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पादांतस्थित :
|
वि० [सं० पादांत-स्थित स० त०] पद के अन्त में होनेवाला। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पादाति (क) :
|
पुं० [सं० पाद√अत् (गमन)+इण्] [पादाति+कन्] पैदल सिपाही। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पादाति (क) :
|
पुं० [सं० पाद√अत् (गमन)+इण्] [पादाति+कन्] पैदल सिपाही। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पादानत :
|
भू० कृ० [पाद-आनत, स० त०] पैरों पर झुका या पड़ा हुआ। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पादानत :
|
भू० कृ० [पाद-आनत, स० त०] पैरों पर झुका या पड़ा हुआ। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पादांबु :
|
पुं० [सं० पाद-अंबु, मध्य० स०] १. पैरों के धोने पर निकला हुआ जल। २. [ब० स०] मट्ठा। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पादांबु :
|
पुं० [सं० पाद-अंबु, मध्य० स०] १. पैरों के धोने पर निकला हुआ जल। २. [ब० स०] मट्ठा। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पादांभ (स्) :
|
पुं० [सं० पाद अंभस्, मध्य० स०] पैर धोने का जल। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पादांभ (स्) :
|
पुं० [सं० पाद अंभस्, मध्य० स०] पैर धोने का जल। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पादाम्यंजन :
|
पुं० [पाद-अभ्यंजन, ष० त०] १. पैरों में को स्निग्ध पदार्थ मलन या रगड़ने की क्रिया या भाव। २. इस प्रकार रगड़ा जानेवाला स्निग्ध पदार्थ। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पादाम्यंजन :
|
पुं० [पाद-अभ्यंजन, ष० त०] १. पैरों में को स्निग्ध पदार्थ मलन या रगड़ने की क्रिया या भाव। २. इस प्रकार रगड़ा जानेवाला स्निग्ध पदार्थ। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पादायन :
|
पुं० [सं० पाद+फक्—आयन] पाद ऋषि का वंशज। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पादायन :
|
पुं० [सं० पाद+फक्—आयन] पाद ऋषि का वंशज। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पादारक :
|
पुं० [सं० पाद√ऋ (गति)+ण्वुल—अक] १. नाव के पार्श्वों में लंबाई के बल लगी हुई दोनों पटरियों में से हर एक जिस पर आरोही बैठते हैं। २. मस्तूल। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पादारक :
|
पुं० [सं० पाद√ऋ (गति)+ण्वुल—अक] १. नाव के पार्श्वों में लंबाई के बल लगी हुई दोनों पटरियों में से हर एक जिस पर आरोही बैठते हैं। २. मस्तूल। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पादारविंद :
|
पुं०=पदार्घ।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पादारविंद :
|
पुं० [सं० पाद-अरविन्द, उपमि० स०] चरण रूपी कमल। चरण-कमल। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पादारविंद :
|
पुं०=पदार्घ।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पादारविंद :
|
पुं० [सं० पाद-अरविन्द, उपमि० स०] चरण रूपी कमल। चरण-कमल। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पादार्पण :
|
पुं० [सं० ष० त०] =पदार्पण। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पादार्पण :
|
पुं० [सं० ष० त०] =पदार्पण। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पादालिंद :
|
पुं० [सं० पाद-अलिंद, ब० स०] [स्त्री० अल्पा० पादालिंदा, पादालिंदी] नाव। नौका। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पादालिंद :
|
पुं० [सं० पाद-अलिंद, ब० स०] [स्त्री० अल्पा० पादालिंदा, पादालिंदी] नाव। नौका। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पादावर्त :
|
पुं० [सं० पाद-आ√वृत् (बरतना)+अच] पैरों से चलाया जानेवाला एक तरह का पुराना चक्र या यंत्र जिसके द्वारा कूएँ में से सिंचाई के लिए पानी निकाला जाता था। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पादावर्त :
|
पुं० [सं० पाद-आ√वृत् (बरतना)+अच] पैरों से चलाया जानेवाला एक तरह का पुराना चक्र या यंत्र जिसके द्वारा कूएँ में से सिंचाई के लिए पानी निकाला जाता था। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पादावसेचन :
|
पुं० [सं० पाद-अवसेचन, ष० त०] १. चरण धोना। २. पैर धोने का पानी। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पादावसेचन :
|
पुं० [सं० पाद-अवसेचन, ष० त०] १. चरण धोना। २. पैर धोने का पानी। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पादाविक :
|
पुं० [सं०=पादातिक, पृषो० साधु] पदल सिपाही। प्यादा। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पादाविक :
|
पुं० [सं०=पादातिक, पृषो० साधु] पदल सिपाही। प्यादा। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पादावृत्ति :
|
स्त्री० [सं०] साहित्य में, यमक अलंकार का एक भेद जिसमें पूरे पाद की आवृत्ति होती है। यथा—नंगन जड़ातीं ते वे नगड़ जड़ाती हैं।—भूषण। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पादावृत्ति :
|
स्त्री० [सं०] साहित्य में, यमक अलंकार का एक भेद जिसमें पूरे पाद की आवृत्ति होती है। यथा—नंगन जड़ातीं ते वे नगड़ जड़ाती हैं।—भूषण। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पादाष्ठील :
|
पुं० [सं०] पैर का टखना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पादाष्ठील :
|
पुं० [सं०] पैर का टखना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पादासन :
|
पुं० [सं० पाद-आसन, ष० त०] वह आसन जिस पर पैर रखे जायँ। पाद-पीठ। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पादासन :
|
पुं० [सं० पाद-आसन, ष० त०] वह आसन जिस पर पैर रखे जायँ। पाद-पीठ। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पादाहत :
|
भू० कृ० [सं० पाद-आहत, तृ० त०] [भाव० पादाहति] जिसे पैर से ठोकर लगाई गई हो। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पादाहत :
|
भू० कृ० [सं० पाद-आहत, तृ० त०] [भाव० पादाहति] जिसे पैर से ठोकर लगाई गई हो। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पादाहति :
|
स्त्री० [तृ० त०] पैर से लगाई जानेवाली ठोकर। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पादाहति :
|
स्त्री० [तृ० त०] पैर से लगाई जानेवाली ठोकर। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पादिक :
|
वि० [सं० पाद+ठक्—इक] जो किसी पूरी वस्तु या एक इकाई के चौथाई अंश के बराबर हो। पुं० १. किसी पुरी वस्तु या इकाई का चतुर्थांस। २. पादकृच्छ नामक व्रत। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पादिक :
|
वि० [सं० पाद+ठक्—इक] जो किसी पूरी वस्तु या एक इकाई के चौथाई अंश के बराबर हो। पुं० १. किसी पुरी वस्तु या इकाई का चतुर्थांस। २. पादकृच्छ नामक व्रत। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पादी (दिन्) :
|
वि० [सं० पाद+इनि] १. जिसे पाद या पैर हों। पैरोंवाला। २. चार चरणोंवाला। ३. चौथाई अंश का हिस्सेदार। पुं० पैरोंवाला कोई जीव। विशेषतः कछुआ, घड़ियाल मगर आदि। जल-जन्तु। २. चौथाई अंश का स्वामी या मालिक। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पादी (दिन्) :
|
वि० [सं० पाद+इनि] १. जिसे पाद या पैर हों। पैरोंवाला। २. चार चरणोंवाला। ३. चौथाई अंश का हिस्सेदार। पुं० पैरोंवाला कोई जीव। विशेषतः कछुआ, घड़ियाल मगर आदि। जल-जन्तु। २. चौथाई अंश का स्वामी या मालिक। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पादीय :
|
वि० [सं० पाद+छ—ईय] १. पद या मर्यादावाला। २. किसी विशिष्ट पद या स्थान पर रहनेवाला। जैसे—कुमार-पादीय=कुमार पद पर प्रतिष्ठित। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पादीय :
|
वि० [सं० पाद+छ—ईय] १. पद या मर्यादावाला। २. किसी विशिष्ट पद या स्थान पर रहनेवाला। जैसे—कुमार-पादीय=कुमार पद पर प्रतिष्ठित। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पादुक :
|
वि० [सं०√पद् (गति)+उकञ्] १. पैरों से चलनेवाला। २. पैदल चलनेवाला। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पादुक :
|
वि० [सं०√पद् (गति)+उकञ्] १. पैरों से चलनेवाला। २. पैदल चलनेवाला। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पादुका :
|
स्त्री० [सं० पादु+क+टाप्, ह्रस्व] १. खड़ाऊँ। जूता। ३. पैरों में पहनने का कोई उपकरण। पदत्राण। (फूट वियर) जैसे—खड़ाऊँ, चप्पल, जूता आदि। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पादुका :
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स्त्री० [सं० पादु+क+टाप्, ह्रस्व] १. खड़ाऊँ। जूता। ३. पैरों में पहनने का कोई उपकरण। पदत्राण। (फूट वियर) जैसे—खड़ाऊँ, चप्पल, जूता आदि। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पादू :
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स्त्री० [सं० पद+ऊ, णित्व—चि वृद्धि] जूता। वि० [हिं० पादना] बहुत पादनेवाला। पदोड़ा। |
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पादू :
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स्त्री० [सं० पद+ऊ, णित्व—चि वृद्धि] जूता। वि० [हिं० पादना] बहुत पादनेवाला। पदोड़ा। |
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पादोदक :
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पुं० [पाद-उदक, मध्य० स०] १. वह जल जिसमें पैर धोया गया हो। चरणोदक। २. चरणामृत। |
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पादोदक :
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पुं० [पाद-उदक, मध्य० स०] १. वह जल जिसमें पैर धोया गया हो। चरणोदक। २. चरणामृत। |
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पादोदर :
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वि० [सं० पाद-उदर, ब० स०] जिसके पैर उदर में अर्थात् अंदर हों। पुं० सर्प। साँप। |
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पादोदर :
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वि० [सं० पाद-उदर, ब० स०] जिसके पैर उदर में अर्थात् अंदर हों। पुं० सर्प। साँप। |
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पाद्म :
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वि० [सं० पद्म] पद्म-सम्बन्धी। पद्म का। |
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वि० [सं० पद्म] पद्म-सम्बन्धी। पद्म का। |
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पाद्म-कल्प :
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पुं० [कर्म० स०] पुराणानुसार वह महाकल्प जिसमें भगवान् की नाभि से वह पद्म या कमल निकला था, जिस पर ब्रह्मा अधिष्ठित थे। |
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पुं० [कर्म० स०] पुराणानुसार वह महाकल्प जिसमें भगवान् की नाभि से वह पद्म या कमल निकला था, जिस पर ब्रह्मा अधिष्ठित थे। |
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पाद्य :
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वि० [सं० पाद+यत्] १. पाद (पैर, चरण आदि) से संबंध रखनेवाला। पाद का। २. पाद्य संबंधी। पाद्यात्मक। पुं० वह जल जिससे किसी आये हुए पूज्य व्यक्ति या देवता के पैर धोते हैं अथवा जिसे पैर धोने के लिए आदर-पूर्वक उनके आगे रखते हैं। |
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वि० [सं० पाद+यत्] १. पाद (पैर, चरण आदि) से संबंध रखनेवाला। पाद का। २. पाद्य संबंधी। पाद्यात्मक। पुं० वह जल जिससे किसी आये हुए पूज्य व्यक्ति या देवता के पैर धोते हैं अथवा जिसे पैर धोने के लिए आदर-पूर्वक उनके आगे रखते हैं। |
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पाद्य-दान :
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पुं० [सं० ष० त०] १. पैर धोने के लिए जल देना। २. पूज्य या बड़े व्यक्तियों का कहीं पधारना। कहीं पदार्पण करना या जाना। (आदर-सूचक) जैसे—गुरु शिष्यों के घर पाद्य-दान। |
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पाद्य-दान :
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पुं० [सं० ष० त०] १. पैर धोने के लिए जल देना। २. पूज्य या बड़े व्यक्तियों का कहीं पधारना। कहीं पदार्पण करना या जाना। (आदर-सूचक) जैसे—गुरु शिष्यों के घर पाद्य-दान। |
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पाद्यार्घ :
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पुं० [सं० पाद्य-अर्घ, कर्म० स०] १. पैर तथा हाथ धोने या धुलाने का जल। २. देव-पूजन की सामग्री। ३. पूजन, सत्कार आदि के अवसर पर दिया जानेवाला धन या सामग्री। नजर। भेंट। ४. प्राचीन काल में ब्राह्मण को दान रूप में दी हुई वह भूमि जिस पर राजकर नहीं लगता था। माफी। |
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पुं० [सं० पाद्य-अर्घ, कर्म० स०] १. पैर तथा हाथ धोने या धुलाने का जल। २. देव-पूजन की सामग्री। ३. पूजन, सत्कार आदि के अवसर पर दिया जानेवाला धन या सामग्री। नजर। भेंट। ४. प्राचीन काल में ब्राह्मण को दान रूप में दी हुई वह भूमि जिस पर राजकर नहीं लगता था। माफी। |
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