शब्द का अर्थ
			 | 
		
					
				| 
					पर्शु					 :
				 | 
				
					पुं० [सं०√स्पृश् (छूना)+शुन्—पृ, आदेश] १. आयुध। अस्त्र। २. परशु। फरसा। ३. पसली।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					पर्शु					 :
				 | 
				
					पुं० [सं०√स्पृश् (छूना)+शुन्—पृ, आदेश] १. आयुध। अस्त्र। २. परशु। फरसा। ३. पसली।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					पर्शु-पाणी					 :
				 | 
				
					पुं० [ब० स०] १. गणेश। २. परशुराम।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					पर्शु-पाणी					 :
				 | 
				
					पुं० [ब० स०] १. गणेश। २. परशुराम।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					पर्शु-स्थान					 :
				 | 
				
					पुं० [ष० त०] अफगानिस्तान का एक प्रदेश जिसमें पर्शु जाति के लोग रहते थे।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					पर्शु-स्थान					 :
				 | 
				
					पुं० [ष० त०] अफगानिस्तान का एक प्रदेश जिसमें पर्शु जाति के लोग रहते थे।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					पर्शुका					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० पर्शु√कै (चमकना)+क+टाप्] पसली।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					पर्शुका					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० पर्शु√कै (चमकना)+क+टाप्] पसली।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					पर्शुराम					 :
				 | 
				
					पुं० [मध्य० स०] परशुराम।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					पर्शुराम					 :
				 | 
				
					पुं० [मध्य० स०] परशुराम।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 |