शब्द का अर्थ
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					परिसंहित					 :
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					भू० कृ० [सं० प्रा० स०] बहुत अच्छी तरह गठा या गाँठा हुआ। २. (साहित्य में ऐसी गठी हुई तथा संक्षिप्त रचना) जिसमें ओज, प्रसाद आदि गुण भी यथेष्ट मात्रा में हों।				 | 
			 
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			 
			
					
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					परिसंहित					 :
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					भू० कृ० [सं० प्रा० स०] बहुत अच्छी तरह गठा या गाँठा हुआ। २. (साहित्य में ऐसी गठी हुई तथा संक्षिप्त रचना) जिसमें ओज, प्रसाद आदि गुण भी यथेष्ट मात्रा में हों।				 | 
			 
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			 
			
				 
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