शब्द का अर्थ
			 | 
		 
					
				| 
					परिष्कार					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० परि√कृ+घञ्, सुट्] [भू० कृ० परिष्कृत] १. अच्छी तरह ठीक और साफ करने की क्रिया या भाव। गंदगी, मिलावट, मैल आदि निकालकर किसी चीज को स्वच्छ बनाना। (रिफाइनिंग) २. त्रुटियाँ, दोष आदि दूर करके सुंदर, सुरुचिपूर्ण और स्वच्छ बनाना। (एम्बेलिशमेंट) ३. निर्मलता। स्वच्छता। ४. अलंकार। गहना। ५. शोभा। श्री। ६. बनाव-सिंगार। सजावट। ६. सजाने की सामग्री। उपस्कर। (फरनीचर) ८. संयम। (बौद्ध दर्शन)				 | 
			 
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			 
			
					
				| 
					परिष्कार					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० परि√कृ+घञ्, सुट्] [भू० कृ० परिष्कृत] १. अच्छी तरह ठीक और साफ करने की क्रिया या भाव। गंदगी, मिलावट, मैल आदि निकालकर किसी चीज को स्वच्छ बनाना। (रिफाइनिंग) २. त्रुटियाँ, दोष आदि दूर करके सुंदर, सुरुचिपूर्ण और स्वच्छ बनाना। (एम्बेलिशमेंट) ३. निर्मलता। स्वच्छता। ४. अलंकार। गहना। ५. शोभा। श्री। ६. बनाव-सिंगार। सजावट। ६. सजाने की सामग्री। उपस्कर। (फरनीचर) ८. संयम। (बौद्ध दर्शन)				 | 
			 
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			 
			
				 
		 |