शब्द का अर्थ
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परिमर :
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पुं० [सं० परि√मृ (मरना)+अप्] १. पूर्ण नाश। २. किसी के पूर्ण नाश के लिए किया जानेवाला एक तांत्रिक प्रयोग। ३. वायु। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
परिमर :
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पुं० [सं० परि√मृ (मरना)+अप्] १. पूर्ण नाश। २. किसी के पूर्ण नाश के लिए किया जानेवाला एक तांत्रिक प्रयोग। ३. वायु। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
परिमर्द्द :
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पुं० [सं० परि√मृद् (मर्दन)+घञ्] बहुत अधिक या अच्छी तरह से किया जानेवाला मर्दन। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
परिमर्द्द :
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पुं० [सं० परि√मृद् (मर्दन)+घञ्] बहुत अधिक या अच्छी तरह से किया जानेवाला मर्दन। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
परिमर्श :
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पुं० [सं० परि√मृद् (छूना, विचारना)+घञ्] १. छू जाना। लग जाना। २. लगाव होना। ३. अच्छी तरह किया जानेवाला विचार। परामर्श। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
परिमर्श :
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पुं० [सं० परि√मृद् (छूना, विचारना)+घञ्] १. छू जाना। लग जाना। २. लगाव होना। ३. अच्छी तरह किया जानेवाला विचार। परामर्श। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
परिमर्ष :
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पुं० [सं० परि√मृष् (सहना)+घञ्] १. ईर्ष्या। २. कुढ़न। ३. क्रोध। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
परिमर्ष :
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पुं० [सं० परि√मृष् (सहना)+घञ्] १. ईर्ष्या। २. कुढ़न। ३. क्रोध। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |