शब्द का अर्थ
			 | 
		 
					
				| 
					निरै					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० निरय] नरक।				 | 
			 
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			 
			
					
				| 
					निरैठा					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० निर्+ईहा या इष्ट] [स्त्री० निरैठी] मनमौजी। मस्त। उदा०–रूप गुन ऐंठी सु अमैठी, उर पैठी बैठी ताड़नि निरैठी मति बोलनि हरै हरि।–घनानंद।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			 
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			 
			
				 
		 |