शब्द का अर्थ
|
दुग्ध :
|
वि० [सं०√दुह् (दुहना)+क्त] १. दूहा हुआ। २. भरा हुआ। पुं० १. दूध। २. कुछ विशिष्ट पौधों, वृक्षों आदि में से निकलनेवाला दूध जैसा सफेद तथा लसीला पदार्थ। (दे० ‘दूध’) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दुग्ध-कल्प :
|
पुं० [ष० त०] वैद्यक में, एक प्रकार की चिकित्सा जिसमें रोगी को केवल दूध पिलाकर नीरोग किया जाता है। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दुग्ध-कूपिका :
|
स्त्री० [सं० दुग्ध-कूप ष० त०,+ठन्—इक, टाप्] एक प्रकार का पकवान जो पिसे हुए चावल और दूध के छेने से बनता था। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दुग्ध-तालीय :
|
पुं० [सं० दुग्ध-ताल ष० त०, छ-ईय] १. दूध का फेन। झाग। २. मलाई। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दुग्ध-पाषाण :
|
पुं० [ब० स०] एक प्रकार का वृक्ष जिसे बंगाल की ओर शिरगोला कहते हैं। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दुग्ध-पुच्छी :
|
स्त्री० [ब० स० ङीष्] एक प्रकार का वृक्ष। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दुग्ध-फेन :
|
पुं० [ष० त०] १. दूध का फेन। झाग। २. [ब० स०] क्षीर हिंडीर नाम का पौधा। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दुग्ध-फेनी :
|
पुं० [ब० स० ङीष्] एक प्रकार का छोटा पौधा। पयस्विनी। जाय। स्त्री० दूध में भिगोई हुई फेनी। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दुग्ध-बीजा :
|
स्त्री० [ब० स० टाप्] ज्वार। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दुग्ध-मापक :
|
पुं० [ष० त०] शीशे की वह नली जिसमें भरे हुए पारे के उतार-चढ़ाव से पता चलता है कि दूध में पानी की कितनी मिलावट है। (लैक्टोमीर) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दुग्ध-शर्करा :
|
स्त्री० [ष० त०] दूध में से चूर्ण के रूप में निकाला हुआ उसका मीठा सार भाग। (मिल्क-शूगर) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दुग्ध-समुद्र :
|
पुं० [ष० त०] पुराणानुसार सात समुद्रों में से एक। क्षीर-सागर। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दुग्धशाला :
|
स्त्री० [सं०] वह स्थान जहाँ गौएँ आदि रखकर बेचने के लिए दूध आदि तैयार किया जाता है। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दुग्धांक :
|
पुं० [दुग्ध-अंक ब० स०] एक तरह का पत्थर जिस पर दूध के रंग के सफेद छोटे चिह्न होते हैं। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दुग्धाक्ष :
|
पुं० [दुग्ध-अक्ष ब० स०] एक तरह का सफेद छींटोंवाला नग। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दुग्धाग्र :
|
पुं० [दुग्ध-अग्र ष० त०] मलाई। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दुग्धाब्धि :
|
पुं० [दुग्ध-अब्धि ष० त०] क्षीर समुद्र। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दुग्धाब्धि-तनया :
|
स्त्री० [ष० त०] लक्ष्मी। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दुग्धाश्मा (श्मन्) :
|
पुं० [दुग्ध-अश्मन् ब० स०] शिरगोला (वृक्ष)। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दुग्धिका :
|
स्त्री० [सं० दुग्ध+उन्—इक, टाप्] १. दुद्धी नाम की घास या जड़ी। २. गंधिका नाम की घास। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दुग्धिनिका :
|
स्त्री० [सं०] लाल चिचड़ा। रक्त्तापामार्ग। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दुग्धी (ग्धिन्) :
|
वि० [सं० दुग्ध+इनि] जिसमें दूध हो। दूध से युक्त। पुं० क्षीर वृक्ष। स्त्री० [दुग्ध+अच+ङीष्] दुद्धी नाम की घास या जड़ी। दूधिया। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दुग्धोद्योग :
|
पुं० [दुग्ध-उद्योग, ष० त०] दूध या उससे विभिन्न पदार्थ (मक्खन, घी आदि) तैयार करने का उद्योग। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |