शब्द का अर्थ
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दासा :
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पुं० [सं० दासी=वेदी] १. दीवार से सटाकर उठाया हुआ वह ऊंचा बाँध या पुश्ता जिसपर घर की चीजें रखी जाती हैं। २. आँगन के चारों ओर दीवार से सटाकर उठाया हुआ वह चबूतरा जो आंगन के पानी की घर या दालान में जाने से रोकने के लिए बनाया जाता है। ३. वह पत्थर या मोटी लकड़ी जो दरवाजे के चौखटे के ठीक ऊपर रहती है और जिससे दीवार का बोझ चौखट पर नहीं पड़ने पाता। ४. पत्थरों की वह पंक्ति जो दीवार के नीचेवाले भाग में लंबाई के बल बैठाई जाती है। पुं० [सं० दशन] हँसिया। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दासानुदास :
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पुं० [सं० दास+अनुदास, ष० त०] १. दासों का भी दास। २. अत्यन्त या परम तुच्छ दास। (नम्रता सूचक) |
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दासायन :
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पुं० [सं० दास+फक्—आयन] दास पुत्र। |
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