शब्द का अर्थ
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दलि :
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स्त्री० [सं०√दल (भेदन)+इन्]=दलनी। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दलिक :
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पुं० [सं० दलि+कन्] काष्ठ। |
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दलित :
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भू० कृ० [सं०√दल+क्त] १. जिसका दलन हुआ हो। २. जो कुचला, दला, मसला या रौंदा गया हो। ३. टुकड़े-टुकड़े किया हुआ। चूर्णित। ४. जो दबाया गया हो अथवा जिसे पनपने या बढ़ने न दिया गया हो। हीन-अवस्था में पड़ा हुआ। ५. ध्वस्त या नष्ट किया हुआ। |
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दलित वर्ग :
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पुं० [सं०] समाज का वह निम्न तम वर्ग जो उच्च वर्ग के लोगों के उत्पीड़न के कारण आर्थिक दृष्टि से बहुत ही हीन अवस्था में हो। जैसे—दास, प्रथावाले देशों में दास, सामंत-शाही व्यवस्था में कृषक, या पूजीवाँदी व्यवस्था में मजदूर दलित वर्ग में माने जाते हैं। (डिप्रेस्ड क्लासेज) |
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दलिद्दर :
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वि० [सं० दरिद्र] १. दरिद्र। २. बिलकुल गया-बीता और बहुत ही निम्न कोटि का। परम निकृष्ट। पुं० १. दरिद्रता। २. कूड़ा-करकट। झाड़-झंखाड़। बिलकुल निकम्मी और रद्दी चीजें। जैसे—दीवाली पर घर का सारा दलिद्दर निकाल कर फेंका जाता है। |
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दलिद्र :
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पुं०=दरिद्र। |
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दलिया :
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पुं० [हिं० दलना] १. किसी खाद्यान्न के बीजों का पीसा हुआ मोटा या दानेदार चूर्ण। २. उक्त का दूध आदि में पकाया हुआ गाढ़ा रूप। |
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