शब्द का अर्थ
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					थह					 :
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					पुं० [सं० स्थल या हिं० घर ?] माँद। उदा०—जागै नह थह में जितै, सझ हाथल सादूल।—बाँकीदास।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) स्त्री०=थाह।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					थहना					 :
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					स० [हिं० थाह] १. थाह लेना। पता लगाना। २. थाह लेने के लिए गहराई में उतरना या जाना।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					थहरना					 :
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					अ०=थर्राना।				 | 
			
			
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					थहराना					 :
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					अ० [अनु० थर थर] १. दुर्बलता, भय आदि से अंगों का काँपना। २. काँपना। ३. दे० ‘थर्राना’।				 | 
			
			
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					थहाना					 :
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					स० [हिं० थाह] १. पानी की गहराई का पता लगाना। थाह लगाना या लेना। २. किसी के ज्ञान, विचार आदि की थाह या पता लेना।				 | 
			
			
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					थहारना					 :
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					स० १.=ठहराना। २.=थहना।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					थही					 :
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					स्त्री० [सं० स्तर; हिं० तह] १. तह। परत। २. चीजों का लगा हुआ थाक। ढेर। राशि।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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