शब्द का अर्थ
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					तूर					 :
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					पुं० [सं०√तूर् (ताड़न करना)+क] १. एक प्रकार का नगाड़ा। २. तुरही या नरसिंहा नाम का बाजा। स्त्री० [सं० तुवरि] १. अरहर का पौधा और उसके बीज।				 | 
			
			
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					तूर					 :
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					पुं० [सं०√तूर्(ताड़न करना)+क] १.एक प्रकार का नगाड़ा। २.तुरही या नरसिंहा नाम का बाजा। स्त्री० [सं० तुवरि] १. अरहर का पौधा और उसके बीज।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) २. अनाज। अन्न। उदाहरण–-पूर्वाषाढ़ा धूल किन उपजै साती तूर।–भड्डरी। पुं० [अ०] शाम देश का एक प्रसिद्ध पर्वत जिसके संबंध में कहा जाता है कि हजरत मूसा को इसी पर अलौकिक प्रकाश दिखाई पड़ा था। मुहावरा–तूर चमकना-ज्ञान का प्रकाश दिखाई पड़ना। स्त्री० [फा० तूल-लंबाई] १. गज-डेढ़ लंबी एक लकड़ी जो जुलाहों के करघे में लगी रहती है और जिसमें तानी लपेटी जाती है। लपेटनी। फनियाला। २. डोली, पालकी आदि पर डाले हुए परदे को यथा स्थान रखने के लिए उसके चारों ओर बाँधी जानेवाली रस्सी। चौंबदी। स्त्री० [सं० तूल] कपास। २. रूई।				 | 
			
			
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					तूरज					 :
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					पुं०=तूर्य।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					तूरण					 :
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					अव्य० [सं० तूर्ण] १. चट-पट। तुरंत। २. शीघ्र। जल्दी।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					तूरण					 :
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					क्रि० वि० [सं० तूर्ण] १. चट-पट। तुरन्त। २. शीघ्र जल्दी।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					तूरंत					 :
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					पुं० [देश०] एक तरह का पक्षी।				 | 
			
			
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					तूरन					 :
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					पुं०=तूर्ण।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) क्रि० वि०=तूरण।				 | 
			
			
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					तूरना					 :
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					पुं० [सं० तूर] तुरही।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) पुं० [?] एक प्रकार की चिड़िया। स०–तोड़ना। (पूरब) उदाहरण–मन तन बचन तजे तिन तूरी।–तुलसी।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) अ०=टूटना। उदाहरण–परिहैं तूरि लटी कटि ताकी।–नन्ददास(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					तूरा					 :
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					पुं० [सं० तूर] तुरही नामक बाजा।				 | 
			
			
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					तूरान					 :
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					पुं० [फा०] मध्य एशिया, जो तुर्क, तातारी, मगोल आदि जातियों का निवास स्थान है।				 | 
			
			
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					तूरानी					 :
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					वि० [फा] तूरान देश का। तूरान संबंधी। पुं० तूरान देश का निवासी। स्त्री० १. तूरान देश की भाषा। २. उक्त भाषा की लिपि।				 | 
			
			
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					तूरी					 :
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					स्त्री० [सं०√तूर्+अच्+ङीष्] धतूरे का पेड़।				 | 
			
			
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					तूर्ण					 :
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					क्रि० वि० [सं०√त्वर् (शीघ्रता करना)+क्त, नत्व] शीघ्र। जल्दी। वि० १. जल्दी या शीघ्रता करनेवाला। २. शीघ्रगामी। तेज।				 | 
			
			
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					तूर्णक					 :
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					पुं० [सं० तूर्ण+कन्] सुश्रुत के अनुसार एक तरह का चावल।				 | 
			
			
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					तूर्त					 :
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					अव्य० [सं०√त्वर्+क्त, ऊठ्] १. तुरंत। तत्काल। २. जल्दी। शीघ्र।				 | 
			
			
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					तूर्य					 :
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					पुं० [सं०√तूर् (पूर्ण करना)+ण्यत्] १. तुरही या नरसिंहा नाम का बाजा। २. मृदंग।				 | 
			
			
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					तूर्य-खंड					 :
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					पुं० [ष० त०] एक प्रकार का ढोल।				 | 
			
			
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					तूर्व					 :
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					अव्य० [सं०√तुर्व (हिंसा करना)+अच्, दीर्घ] तुरंत। शीघ्र।				 | 
			
			
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