शब्द का अर्थ
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					तूँ					 :
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					सर्व०=तू।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					तू					 :
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					सर्व० [सं० त्वम्] एक सर्वनाम जिसका प्रयोग मध्यम पुरुष एक-वचन मे ऐसे व्यक्ति के होता है जो अपने से बहुत छोटा तुच्छ या हीन हो। जैसे–तू चुप रह। मुहावरा–तू तड़ाक या तू तुकार-किसी को तू कहकर उपेक्षा या तिरस्कारपूर्वक संबोधित करना। तू-तू मैं मैं करना-आपस में अशिष्टता पूर्वक कहा-सुनी तकरार या हुज्जत करना। विशेष–कुछ अवसरों पर इसका प्रयोग ईश्वर अथवा सर्वशक्तिमान् सत्ता के लिए भी होता है। जैसे–(क) हे ईश्वरर, तू हम पर दया कर। (ख) हे राजन् तू यज्ञ कर। पुं० [अनु०] कुत्तों, कौओं आदि को बुलाने का शब्द। जैसे–तू तू। आओ।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					तू-तू, मैं-मैं					 :
				 | 
				
					स्त्री० [हिं०] आपस मे अशिष्टतापूर्वक होने वाली कहा-सुनी या झगड़ा।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					तूख					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० तुष=तिनका] दो पत्तों को (दोना या पत्तल बनाते समय) जोड़ने के लिए उनमें लगाई जानेवाली सींक। खरका(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					तूखना					 :
				 | 
				
					अ० [सं० तोषण] तुष्ट होना। स० तुष्ट करना।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					तूँगी					 :
				 | 
				
					स्त्री० [देश०] १. पृथ्वी। भूमि। २. नाव। नौका।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					तूझ					 :
				 | 
				
					सर्व० [सं० तुभ्यम्, प्रा० तुज्झं] तेरा। मेरे। उदाहरण–-स्त्री पति कुण सुमति तूझ गण जू तवति।–प्रिथीराज।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					तूटना					 :
				 | 
				
					अ०=टूटना।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					तूठाना					 :
				 | 
				
					अ० [सं० तुष्ट, प्रा० तुट्ठ] १. तुष्ट होना। तृप्त होना। अघाना। उदाहरण–मानि कामना सिद्ध जानि तूठे दुखहारी।–रत्ना। २. प्रसन्न होना।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					तूण					 :
				 | 
				
					पुं० [सं०√तूण (पूरा करना)+घञ्] १. तीर रखने का चोगा। तरकश। २. चामर वृत्त का दूसरा नाम।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					तूण-क्ष्वेड़					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० ब० स०] बाण। तीर।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					तूणक					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० तूण+कन्] एक प्रकार का छंद जिसके चरणों में १५-१५ वर्ण होते हैं।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					तूणव					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० तूण+व] बाँसुरी।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					तूणि					 :
				 | 
				
					वि० [सं०√तूण् (पूरा करना)+इन्] तेज या वेगपूर्वक चलने या कोई काम करनेवाला। पुं० १. मन। २. श्लोक। ३. गर्द। ४. मल।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					तूणी-धर					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० ष० त०] तूण या तरकस रखनेवाला योद्धा।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					तूणी(णिन्)					 :
				 | 
				
					वि० [सं० तूण+इनि] तूण अर्थात् तरकशवाला। स्त्री० [सं० तूण+ङीष्] १. तरकश। निषंग। २. नील का पौधा। ३. एक प्रकार का वात-रोग जिसमें मूत्राशय के पास से दर्द उठकर गुदा और पेड़ू तक पहुँचता है। पुं० [सं० तूणीक] तूनी। (वृक्ष)।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					तूणीक					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० तूणी√कै (शब्द करना)+क] तुन का पेड़।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					तूणीर					 :
				 | 
				
					पुं० [सं०√तूण+ईरन्] तूण। तरकश। भाथा।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					तूत					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० नूद] मँझोले आकार का एक प्रकार का पेड़ जिसके पत्ते पान की तरह तथा अनीदार होते हैं। २. उक्त पेड़ की मीठी फलियाँ जो फल के रूप मे खाई जाती है। शहतूत।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					तूतक					 :
				 | 
				
					पुं० [सं०=तुत्थ, पृषो० सिद्धि] तूतिया। नीलाथोथा।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					तूतिया					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० तुत्थ] ताँबे का क्षार या लवण जो कुछ नीले रंग का होता है और जिसे वैद्यक में ताँबे की उप-धातु कहा गया है। यह खानों में प्राकृतिक रूप में भी मिलता है। नीलाथोथा। वैद्यक में यह वमनकारक और दस्तावर माना जाता है तथा रँगाई के काम में भी आता है।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					तूती					 :
				 | 
				
					स्त्री० [फा०] १. छोटी जाति का एक प्रकार का तोता जिसकी चोंच पीली, गरदन बैगनी और पर हरे होते हैं। २. कनेरी नाम की छोटी सुन्दर चिड़िया। ३. मटमैले रंग की एक प्रकार की छोटी चिड़िया। जो बहुत मधुर स्वर में बोलती है। ४. बाँसुरी या शहनाई की तरह का एक प्रकार का पतला लंबा बाजा। विशेष–उर्दूवाले यह शब्द उक्त अर्थों में प्रायः पुलिंग बोलते हैं। यथा-जहाँ में है शरारत पेशा जितने। उन्हीं का आज तूती बोलती है।–कोई शायर। कहा०–नक्कार खाने में तूती की आवाज कौन सुनता है=(क) बहुत भीड़-भाड़ या शोरगुल में कही हुई किसी साधारण आदमी की बात कोई नहीं सुनता। (ख) बड़े लोगों के सामने छोटों की कुछ नहीं चलती। ५. मिट्टी की एक प्रकार की छोटी टोंटीदार धरिया या पुरवा जिससे छोटे-बच्चे पानी पीते हैं।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					तूद					 :
				 | 
				
					पुं०=तूत (शहतूत)।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					तूदह					 :
				 | 
				
					पुं०=तूदा।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					तूदा					 :
				 | 
				
					पुं० [फा० तूदः] १. ढेर। राशि। २. सीमा का चिन्ह जो पहले मिट्टी का ढेर खड़ा करके बनाया जाता था। ३. मिट्टी की वह ऊँची और बड़ी राशि या टीला जिस पर तीर, बन्दूक आदि चलाकर निशाना साधने का अभ्यास किया जाता है।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					तून					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० तुन्नक] १. तुन का पेड़। दे० तुन। २. तूल नाम का लाल रंग का कपड़ा। पुं०=तूण (तूणीर)।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					तूना					 :
				 | 
				
					अ० [हिं० चूना] १. तरल पदार्थ का बूँद-बूँद करके गिरना। चूना। टपकना। उदाहरण–रति रूप लुनाई तुई सीप रै।–प्रतापशाह। २. खड़ा या स्थिर न रहकर गिर पड़ना। ३. गर्भपात या गर्भस्राव होना।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					तूनी					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० तूणी] एक तरह का बड़ा पेड़ जिसकी पत्ती नीम के पेड़ की तरह की होती है और लकड़ी लाल रंग की और हलकी किंतु मजबूत होती है। तुन।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					तूनीर					 :
				 | 
				
					पुं०=तूणीर। (तरकश)(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					तूफाँ					 :
				 | 
				
					पुं०=तूफान।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					तूफान					 :
				 | 
				
					पुं० [अ० चीनी ताई फू] १. वह बड़ी बाढ़ जो आस-पास की चीजों या स्थानों को डुबा दे। २. बहुत तेज चलनेवाली विशेषतः समुद्रतल पर उठने या चलनेवाली वह आँधी जिसके साथ खूब बादल गरजते और जोरों की वर्षा होती है। ३. ऐसा भीषण या विकट उत्पात या उपद्रव जिसमें या तो बहुत से लोग सम्मिलित हों या जिससे बहुतों की भारी हानि हो। भारी आफत, झंझट या बखेड़ा। जैसे–तुम तो जरा सी बात में तूफान खड़ाकर देते हों। क्रि० प्र०–उठाना।–खड़ा करना। ४. ऐसी बहुत अधिक चीख-पुकार या हो-हल्ला जिसे सुनकर आस-पास के लोग घबरा जायँ। ५. किसी पर लगाया जानेवाला झूठा कलंक या दोष। तोहमत। मुहावरा–तूफान जोड़ना या बाँधना-किसी पर झूठा आरोप करना या कलंक लगाना।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					तूफानी					 :
				 | 
				
					वि० [फा०] तूफान सम्बन्धी। तूफान का। जैसे–तूफानी रात २. तूफान की तरह का तेज या प्रबल और चारों ओर वेगपूर्वक फैलने या होनेवाला। जैसे–उन दिनों देश में कई बड़े-बड़े नेताओं के तूफानी दौरे हो रहे थे। ३. तूफान अर्थात् बहुत बड़ा उपद्रव या बखेड़ा खड़ा करनेवाला। जैसे–उसकी बातों में मत आना, वह बहुत बड़ा तूफानी है।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					तूँबड़ा					 :
				 | 
				
					पुं०=तूँबा।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					तूँबना					 :
				 | 
				
					स०=तूमना।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					तूबर					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० तूबर] १. ऐसा बैल जिसके सिर पर सींग न हों। २. नपुंसक। हिजड़ा।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					तूबरक					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० तूबर+कन्] नपुंसक। हिजड़ा।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					तूबरी					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० तूबर+ङीष्] १. गोपी चंदन। २. अरहर।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					तूँबा					 :
				 | 
				
					पुं० [सं०तुम्बक] [स्त्री०अल्पा०तूँबी] १.कडुआ गोल का कद्दू। कडुई गोल घीया। तितलौकी। २.उक्त का सूखा हुआ वह रूप जिसके सहारे नदी-नाले आदि पार किये जाते हैं। ३.उक्त को सुखाकर और खोखला करके बनाया हुआ पात्र जो प्रायः साधु-सन्यासी और भिखमंगे अपने पास खाने-पीने की चीजें रखने के लिए रखते हैं। पद–तूँबा पलटी या तूँबा फेरी-इधर की चीजें उठाकर उधर करना या एक की चीजें दूसरों को देना। चोरों चालबाजों आदि का लक्षण। उदाहरण–-ऐसी तूमा(तूँबा) पलटी के गुन नेति नेति स्तुति गावै।-सत्यनारायण।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					तूँबी					 :
				 | 
				
					स्त्री० [हिं०तूँबा] १.छोटा तूँबा। २.उक्त का बना हुआ छोटा तूँबा या पात्र। मुहावरा–तूँबी लगाना-बात से पीड़ित या सूजे हुए स्थान का रक्त या वायु खीचने के लिए तूँबी की विशिष्ट प्रकार की प्रक्रिया करना।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					तूम-तड़ाक					 :
				 | 
				
					स्त्री० [अनु० तूम+तड़क (प्रत्यय)] १. तड़क-भड़क। २. व्यर्थ का दिखौआ आडंबर। ३. ठसक।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					तूमड़ी					 :
				 | 
				
					स्त्री० [हिं० तूबाँ+डी (प्रत्यय)] १. तूँबी २. तूँबी से बनाया हुआ एक प्रकार का बाजा जो प्रायः सँपेरे बजाते हैं।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					तूमना					 :
				 | 
				
					स० [सं० स्तोम=ढेर+हिं० ना (प्रत्य०)] १. रूई आदि के पहल या रेशे नोचकर अलग-अलग करना। २. किसी चीज को काट-पीट कर उसके बहुत छोटे-छोटे टुकड़े करना। धज्जियाँ उड़ाना। ३. मसलना। ४. अच्छी तरह सारा रहस्य खोलना। ५. बहुत मारना पीटना। ६. गालियाँ आदि देते हुए पूरी दुर्दशा करना। उदाहरण–तरुन तरुन तन तूमत फिरत है।–देव। ७. इकट्ठा करना। चुनना। उदाहरण–सजा दे प्रिय पथ पर प्रति बार लजाती रहे स्नेह दल-तूम।–निराला।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					तूमरा					 :
				 | 
				
					पुं० [स्त्री० तूमरी]=तूबां।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					तूमा					 :
				 | 
				
					पुं०=तूंबा।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					तूमार					 :
				 | 
				
					पुं० [अ०] साधारण बात का होनेवाला व्यर्थ का विस्तार। बात का बंतगड़। क्रि० प्र०–खड़ा करना–बाँधना।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					तूमारिया सूत					 :
				 | 
				
					पुं० [हिं० तुमना+सूत] ऐसा महीन सूत जो तूमी हुई रूई से काता गया हो।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					तूया					 :
				 | 
				
					स्त्री० [देश०] काली सरसों।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					तूर					 :
				 | 
				
					पुं० [सं०√तूर् (ताड़न करना)+क] १. एक प्रकार का नगाड़ा। २. तुरही या नरसिंहा नाम का बाजा। स्त्री० [सं० तुवरि] १. अरहर का पौधा और उसके बीज।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					तूर					 :
				 | 
				
					पुं० [सं०√तूर्(ताड़न करना)+क] १.एक प्रकार का नगाड़ा। २.तुरही या नरसिंहा नाम का बाजा। स्त्री० [सं० तुवरि] १. अरहर का पौधा और उसके बीज।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) २. अनाज। अन्न। उदाहरण–-पूर्वाषाढ़ा धूल किन उपजै साती तूर।–भड्डरी। पुं० [अ०] शाम देश का एक प्रसिद्ध पर्वत जिसके संबंध में कहा जाता है कि हजरत मूसा को इसी पर अलौकिक प्रकाश दिखाई पड़ा था। मुहावरा–तूर चमकना-ज्ञान का प्रकाश दिखाई पड़ना। स्त्री० [फा० तूल-लंबाई] १. गज-डेढ़ लंबी एक लकड़ी जो जुलाहों के करघे में लगी रहती है और जिसमें तानी लपेटी जाती है। लपेटनी। फनियाला। २. डोली, पालकी आदि पर डाले हुए परदे को यथा स्थान रखने के लिए उसके चारों ओर बाँधी जानेवाली रस्सी। चौंबदी। स्त्री० [सं० तूल] कपास। २. रूई।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					तूरज					 :
				 | 
				
					पुं०=तूर्य।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					तूरण					 :
				 | 
				
					अव्य० [सं० तूर्ण] १. चट-पट। तुरंत। २. शीघ्र। जल्दी।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					तूरण					 :
				 | 
				
					क्रि० वि० [सं० तूर्ण] १. चट-पट। तुरन्त। २. शीघ्र जल्दी।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					तूरंत					 :
				 | 
				
					पुं० [देश०] एक तरह का पक्षी।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					तूरन					 :
				 | 
				
					पुं०=तूर्ण।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) क्रि० वि०=तूरण।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					तूरना					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० तूर] तुरही।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) पुं० [?] एक प्रकार की चिड़िया। स०–तोड़ना। (पूरब) उदाहरण–मन तन बचन तजे तिन तूरी।–तुलसी।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) अ०=टूटना। उदाहरण–परिहैं तूरि लटी कटि ताकी।–नन्ददास(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					तूरा					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० तूर] तुरही नामक बाजा।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					तूरान					 :
				 | 
				
					पुं० [फा०] मध्य एशिया, जो तुर्क, तातारी, मगोल आदि जातियों का निवास स्थान है।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					तूरानी					 :
				 | 
				
					वि० [फा] तूरान देश का। तूरान संबंधी। पुं० तूरान देश का निवासी। स्त्री० १. तूरान देश की भाषा। २. उक्त भाषा की लिपि।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					तूरी					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं०√तूर्+अच्+ङीष्] धतूरे का पेड़।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					तूर्ण					 :
				 | 
				
					क्रि० वि० [सं०√त्वर् (शीघ्रता करना)+क्त, नत्व] शीघ्र। जल्दी। वि० १. जल्दी या शीघ्रता करनेवाला। २. शीघ्रगामी। तेज।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					तूर्णक					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० तूर्ण+कन्] सुश्रुत के अनुसार एक तरह का चावल।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					तूर्त					 :
				 | 
				
					अव्य० [सं०√त्वर्+क्त, ऊठ्] १. तुरंत। तत्काल। २. जल्दी। शीघ्र।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					तूर्य					 :
				 | 
				
					पुं० [सं०√तूर् (पूर्ण करना)+ण्यत्] १. तुरही या नरसिंहा नाम का बाजा। २. मृदंग।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					तूर्य-खंड					 :
				 | 
				
					पुं० [ष० त०] एक प्रकार का ढोल।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					तूर्व					 :
				 | 
				
					अव्य० [सं०√तुर्व (हिंसा करना)+अच्, दीर्घ] तुरंत। शीघ्र।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					तूल					 :
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					पुं० [सं०√तूल् (पूर्ति करना)+क] १. आकाश। २. कपास, मदार, से मल आदि के डोडों के अंदर का धूआ जो रूई की तरह होता है। ३. शहतूत का पेड़। ४. धतूरा। ५. तृण की नोक। पुं० [हिं० तून-एक पेड़ जिसके फूलों से कपड़े रंगे जाते हैं] १. सूती कपड़ा जो चटकीले रंग का होता था और पहले तूल के फूलों के रंग मे रंगा जाता था। २. गहरा और चटकीला लाल रंग। वि०=तुल्य (समान)।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) पुं० [अ०] लंबाई के बल का विस्तार। लंबाई। पद–तूल व अर्ज-लंबाई और चौड़ाई। तूल कलाम=(क) लंबी चौड़ी बातें। (ख) कहासुनी। तूल तवील=बहुत लंबा चौड़ा। मुहावरा–(किसी बात का) तूल खींचना-किसी बात या कार्य का आवश्यकता से बहुत अधिक बढ़ जाना। तुल देना-व्यर्थ का विस्तार करना। तूल पकड़ना=तूल खींचना। (देखें ऊपर)				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
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					तूल-कार्मुक					 :
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					पुं० [च० त] १. इंद्र धनुष। २. रूई धुनने की धुनकी।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
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					तूल-चाप					 :
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					पुं०=तूल-कार्मुक।				 | 
			
			
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					तूल-वृक्ष					 :
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					पुं० [ष० त०] शाल्मकी वृक्ष। सेमर का वृक्ष।				 | 
			
			
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					तूल-शर्करा					 :
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					स्त्री० [ष० त०] कपास का बीज। बिनौला।				 | 
			
			
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					तूल-सेचन					 :
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					पुं० [ष० त०] रूई से सूत कताने का काम।				 | 
			
			
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					तूलक					 :
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					पुं० [सं० तूल+कन्] रूई।				 | 
			
			
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					तूलत					 :
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					स्त्री० [हिं० तूलना] जहाज की रेलिंग में लगी हुई एक खूँटी।				 | 
			
			
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					तूलता					 :
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					स्त्री०=तुल्यता (समता)।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					तूलना					 :
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					स० [सं० तूलन या तुलना] गाड़ी के पहिए निकाल करके उनके भीतरी छेद में तेल डालना। औंगना। अ० [सं० तुलना] १. तौला जाना। २. किसी से होड़ लगाना। बराबर होने का प्रयत्न करना। उदाहरण–रंग न तेरो है कछू सुबरन रंग न तूनि।–दीनदयाल। गिरि। ३. किसी के बराबर या समान होना। ४. किसी की बराबरी का या समान बनकर उसके संपर्क में या साथ रहना अथवा विचरण करना। उदाहरण–मंजुल रसातल की मजरी के पुंजन में, पाय कै प्रसाद तहां गूँज गूँज तूलेहो।–प्रसाद। ५. तुलना करना। उपमा देना।				 | 
			
			
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					तूलम-तूल					 :
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					अव्य० [अ, तूल-लंबा] १. लंबाई के बल। २. आमने सामने।				 | 
			
			
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					तूलवती					 :
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					स्त्री० [सं०तूल+मतुप्-ङीष्] नील का पौधा।				 | 
			
			
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					तूला					 :
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					स्त्री० [सं० तूल+टाप्] १. कपास। २. दीए की बत्ती। वि०–तुल्य।				 | 
			
			
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					तूलि					 :
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					स्त्री० [सं०√तूल् (पूर्ति करना)+इन्०] १. तकिया। २. चित्रकार की कूची। तूलिया।				 | 
			
			
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					तूलि-फला					 :
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					स्त्री० [सं० ब० स०] सेमर का पेड़।				 | 
			
			
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					तूलिका					 :
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					स्त्री० [सं० तूलि+कन्-टाप्] १. हलकी रजाई। ढुलाई। २. चित्र अंकित करने की कूँची।				 | 
			
			
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					तूलिनी					 :
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					स्त्री० [सं० तूल+इनि-ङीष्] १. लक्ष्मण कंद। २. सेमल का पेड़।				 | 
			
			
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					तूली					 :
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					स्त्री० [सं० तूलि+ङीष्] १. नील का पौधा। २. चित्रों आदि में रंग भरने की कूँची। उदाहरण–आज क्षितिज पर जाँच रहा है तूली कौन चितेरा।–महादेवी। ३. जुलाहों की कूँची जिससे वे ताने का फैला हुआ सूत ठीक जगह पर बैठाते हैं।				 | 
			
			
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					तूवर					 :
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					पुं० [सं० तु+वरच्, दीर्घ०]=तूवरक।				 | 
			
			
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					तूवरक					 :
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					पुं० [सं० तूवर+कन्] १. बिना सींग का बैल। डूँड़ा। २. बिना दाढ़ी-मूँछों का आदमी। ३. कपास रस। ४. कसैला स्वाद। ५. अरहर।				 | 
			
			
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					तूवरिका					 :
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					स्त्री० [सं० तूवरक+टाप्, इत्व] १. अरहर। २. गोपी चंदन।				 | 
			
			
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					तूष					 :
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					पुं० [सं०√तूष्+सन्तोष करना)+अच्] किनारा। (कपड़े का)।				 | 
			
			
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					तूष्णी					 :
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					वि० [सं० तूष्णीम्(अव्य०)] मौन। चुप। स्त्री०=चुप्पी। मौन।				 | 
			
			
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					तूष्णीक					 :
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					वि० [सं० तूष्णीक+कन्, मकार, लोप] मौनावलम्बी। मौन रहनेवाला।				 | 
			
			
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					तूष्णोयुद्ध					 :
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					पुं० [सं० कर्म० स०] वह युद्ध या होड़ जिसमें कौशल, षडयंत्र आदि के द्वारा शत्रु पक्ष के मुख्य मुख्य लोगों को अपनी ओर मिलाने का प्रयत्न किया जाय।				 | 
			
			
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					तूस					 :
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					पुं० [तिब्बती थोथ] [वि० तूसी] १. एक प्रकार का बहुत बढिया और मुलायम ऊन जो काश्मीर से लेकर नैपाल तक की एक तरह की पहाड़ी बकरियों के शरीर पर होता है। पशम। २. उक्त ऊन का जमाया हुआ कंबल या नमदा। ३. उक्त ऊन की बुनी हुई बढ़िया चादर। पशमीना। पुं० तुष। (भूसी)।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					तूसदान					 :
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					पुं० [पुर्त्त० काटूश+दान (प्रत्यय)] कारतूस।				 | 
			
			
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					तूसना					 :
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					अ० [सं० तुष्ट] १. संतुष्ट होना। २. प्रसन्न होना। स० १. संतुष्ट करना। २. प्रसन्न करना।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					तूसा					 :
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					पुं० [सं० तुष] चोकर। भूसी।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					तूसी					 :
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					वि० [सं० तुष] धान के चिलके के रंग का। पुं० उक्त प्रकार का रंग। (हस्क)।				 | 
			
			
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					तूस्त					 :
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					पुं० [सं०√तुस् (शब्द करना)+तन् (दीर्घ)] १. धूल। रज। रेणु। २. किसी चीज का बहुत छोटा टुकड़ा। कण। ३. जटा। ४. धनुष।				 | 
			
			
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