शब्द का अर्थ
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					तलि					 :
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					क्रि० वि० पुं० हिं० में तले का एक रूप। उदाहरण–तलि कर साखा उपरि करि मूल।–कबीर।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					तलिका					 :
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					स्त्री० [सं० तल+ठन्-इक+टाप्] पशुओं विशेषतः घोड़ो के मुँह पर बाँधी जानेवाली वह थैली जिसमें दाना आदि भरा होता है। तोबड़ा।				 | 
			
			
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					तलित					 :
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					भू० कृ० [हिं० तलना से] तला हुआ।				 | 
			
			
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					तलित्					 :
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					स्त्री० [सं० तडित्, ड-ल] दे० ‘तडित्’।				 | 
			
			
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					तलिन					 :
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					वि० [सं०√तल्+इनन्] १. दुबला-पतला। २. जीर्ण-शीर्ण। टूटा-फूटा। ३. इधर-उधर छितरा या फैला हुआ। विरल। ४. कम। थोड़ा। ५. साफ। स्वच्छ। स्त्री० शय्या। सेज।				 | 
			
			
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					तलिम					 :
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					पुं० [सं०√तल्+इमन्] १. छत। पाटन। २. खाट या पलंग। शय्या। ३. चँदोआ। ४. खाँगा। ५. बड़ी छुरी। छुरा। ६. जमीन पर का पक्का फर्श।				 | 
			
			
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					तलिया					 :
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					स्त्री० [सं० तल] १. तल। पेंदा। २. हाथ और पैर का तल। जैसे–हाथ की तली, पैर की तली। ३. पूजन आदि केसमय पैर की तली के नीचे रखा जानेवाला पैसा। ४. दे० ‘तलछट’।				 | 
			
			
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