शब्द का अर्थ
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					तपौनी					 :
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					स्त्री० [हिं० तपाना] १. तपाकर ठीक करने या उपयुक्त बनाने की क्रिया या भाव। २. मध्ययुग में ठगों की एक रसम जिसमें लूट-मार, हत्या आदि कर चुकने के बाद देवी की पूजा करके सब ठगों को प्रसाद रूप में गुड़ बाँटा जाता था। मुहावरा–(किसी को) तपौनी का गुड़ खिलाना=किसी नये आदमी को दीक्षित करके अथवा और कोई रसम करके अपनी मंडली या वर्ग में मिलाना। (परिहास)। ३. दे० ‘तपनी’।				 | 
			 
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			 
			
				 
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