शब्द का अर्थ
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					ढक्क					 :
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					पुं० [सं०] एक प्राचीन देश का नाम। (कदाचित आधुनिक ढाका के आस-पास का प्रदेश)।				 | 
			
			
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					ढक्कन					 :
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					पुं० [हिं० ढकना] किसी आधान का वह अंग जो उसके मुँह पर उसे बंद करने के लिए रखा या कसा जाता है। जैसे–डिब्बे या देगची का ढक्कन, टोकरी या संदूक का ढक्कन। विशेष–कुछ आधानों के ढक्कन उनके साथ लगे होते हैं, और कुछ के अलग होते हैं।				 | 
			
			
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					ढक्का					 :
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					स्त्री० [सं० ढक√कै (शब्द)+क-टाप्] [स्त्री० अल्पा० ढक्की] १. बड़ा ढोल। २. डंका। नगाड़ा। पुं० दे० ‘धक्का’।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					ढक्कारी					 :
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					स्त्री० [सं० ढक√कृ (करना)+अण्-ङीप्] तारा देवी।				 | 
			
			
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					ढक्की					 :
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					स्त्री० [हिं० ढाल] १. पहाड़ी प्रदेशों में वह स्थान जहाँ से ऊपर की ओर चढ़ना पड़ता है। (पश्चिम) २. ढालुआँ भू-भाग।				 | 
			
			
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