शब्द का अर्थ
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					टिकान					 :
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					स्त्री० [हिं० टिकना] १. टिकने की अवस्था क्रिया या भाव। २. वह स्थान जहाँ पर कोई टिके या बराबर टिकता हो। ३. दे० ‘टेकान’।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					टिकाना					 :
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					स० [हिं० टिकना] १. किसी आधार पर किसी चीज का खड़ा करना या ठहराना। टिकने में प्रवृत्त करना। २. किसी के टिकने अर्थात् कुछ समय तक ठहरने या रहने की व्यवस्था करना। ३. किसी को कहीं टिकने या रहने देना। जैसे–बरात धर्मशाला में टिकाई जायगी। ४. किसी को अपने यहाँ अतिथि रूप में ठहराना या रखना। ५. सहारे पर खड़ा करना। ६. सहारा देना। ७. चुप-चाप या धीरे-से किसी के हाथ में कोई चीज दे देना। (दलाल)				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					टिकानी					 :
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					स्त्री० [हिं० टिकाना] छकड़ा गाडी की वे दोनों लकड़ियाँ जिनमें रस्सी से पैजनी बँधी होती है।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 |