शब्द का अर्थ
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					टंगना					 :
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					अ० [सं० टंकण] १. टाँगा जाना। २. किसी चीज का ऊपरी भाग किसी ऊंचे आधार के साथ या स्थान पर इस प्रकार अटकाया, जड़ा, बाँधा या लगाया जाना कि वह चीज उसी के सहारे टिकी या ठहरी रहे। ३. फाँसी पर चढ़ाया जाना। पुं० १. दो खूटियों आदि में बेड़े बल में बँधा हुआ ताल, बाँस, रस्सी आदि जिस पर वस्त्र आदि टाँगे जाते हैं २. उक्त काम के लिए लकड़ी का बनाया हुआ एक प्रकार का ऊँचा चौखटा।				 | 
			 
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			 
			
				 
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