शब्द का अर्थ
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					जीन					 :
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					पुं० [फा० जीन] १. घोड़े आदि की पीठ पर रखने की गद्दी। चारजामा। काठी। २. कजावा। पलान। ३. एक प्रकार का बढ़िया, मजबूत तथा मोटा सूती कपड़ा। वि०=जीर्ण।				 | 
			
			
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					जीन सवारी					 :
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					स्त्री० [देश०] घोड़े की पीठ पर जीन रखकर की जानेवाली सवारी।				 | 
			
			
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					जीन-साज					 :
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					पुं० [फा०] [भाव.जीनसाजी] फोड़ों की जीने बनाने वाला कारीगर।				 | 
			
			
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					जीनत					 :
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					स्त्री० [फा० जीनत] १. शोभा। २. सजावट।				 | 
			
			
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					जीनपोश					 :
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					पुं० [फा० जीन पोश] जीन पर बिछाया जानेवाला कपड़ा।				 | 
			
			
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					जीनपोशी					 :
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					स्त्री०=जीनपोश।				 | 
			
			
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					जीना					 :
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					अ० [सं० जीवति, प्रा० जिअइ, जीअन्त, मरा० जिणें] १. जीवित रहना। काया या शरीर में प्राण रहना।				 | 
			
			
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