शब्द का अर्थ
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					जामा					 :
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					पुं० [फा० जामः] १. पहनने का वह सिला हुआ कपड़ा जिससे गला, छाती, पीठ तथा पेट ढका रहे। मुहावरा–जामे से बाहर होना=इतना अधिक क्रुद्ध होना कि अपनी मर्यादा का ध्यान न रह जाय। २. घुटने तक लम्बा एक विशेष प्रकार का पहनावा जिसमें कमर के नीचे का भाग घेरदार होता है और जो प्रायः विवाह के समय वर को पहनाया जाता है।				 | 
			
			
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					जामा-मसजिद					 :
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					स्त्री० [अ०] नगर की सब से बड़ी और मुख्य मसजिद जिसमें सब मुसलमान पहुँचकर नमाज पढ़ते हों।				 | 
			
			
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					जामात					 :
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					पुं=जमायत।				 | 
			
			
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					जामाता(तृ)					 :
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					पुं० [सं० जाया√मा(मान करना)+तृच्] १. संबंध में वह व्यक्ति जिसके साथ किसी ने अपनी कन्या का विवाह किया हो। दामाद। २. हुलहुल का पौधा।				 | 
			
			
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					जामातु					 :
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					पुं०=जामाता।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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