शब्द का अर्थ
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					जाठ					 :
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					पुं० [सं० यष्टि] १. लकड़ी का वह मोटा तथा लंबोत्तरा लट्ठा जो कोल्हू की कुंडी में लगा रहता है और जिसकी दाब से ऊख की गँड़ेरियों में से रस अथवा तिलहन में से तेल निकलता है। २. उक्त के आधार पर लकड़ी का कोई मोटा तथा लंबोत्तरा लट्ठा विशेषतः तालाब आदि के बीच में गड़ा हुआ।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
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					जाठर					 :
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					वि० [सं० जठर+अण्] जठर अर्थात् पेट-संबंधी। जठर का। जैसे–जाटर अग्नि या रोग। पुं० १. जठर। पेट। २. उदर या पेट की वह अग्नि जिसकी सहायता से भोजन पचता है। जठराग्नि। ३. श्रुधा। भूख। ४. संतति। संतान।				 | 
			
			
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					जाठराग्नि					 :
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					स्त्री०=जठराग्नि।				 | 
			
			
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					जाठरानल					 :
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					पुं०=जठराग्नि।				 | 
			
			
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					जाठि					 :
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					स्त्री०=जाठ।				 | 
			
			
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