शब्द का अर्थ
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					जागीर					 :
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					स्त्री० [फा०] वह भूमि जो मध्ययुग में राजाओं, बादशाहों आदि की ओर से बड़े-बड़े लोगों को विशिष्ट सेवाओं के उपलक्ष्य में सदा के लिए दी जाती थी।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					जागीरदार					 :
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					पुं० [फा] वह जिसे जागीर मिली हो। जागीर का मालिक।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					जागीरी					 :
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					स्त्री० [फा० जागीर+ई (प्रत्यय)] १. जागीरदार होने की अवस्था या भाव। २. रईसी। वि० जागीर संबंधी। जैसे–जागीर आमदनी।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 |